नई दिल्ली. राजधानी के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में इलाज के लिए भर्ती होने वाले मरीजों के लिए राहत की खबर है. पिछले दो सालों से अस्पताल में भर्ती होने के लिए कराई जा रही कोरोना जांच को लेकर अब नया आदेश आया है. ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के नए दिशा-निर्देशों के बाद अब एम्स की ओर से एक आदेश जारी किया गया है. जिसमें ऑपरेशन थिएटर या अस्पताल के वॉर्ड में भर्ती होने से पहले कराई जाने वाली कोरोना जांच को अब बंद करने का फैसला किया गया है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. डीके शर्मा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अब एम्स में भर्ती होने वाले या कोई सर्जरी या जांच कराने के लिए आने वाले मरीजों को कोरोना की जांच नहीं करानी होगी. दिल्ली एम्स के सभी क्लिनिकल या डायग्नोस्टिक विभागों, सभी सेंटरों के इंचार्जों, सभी केंद्रों के चीफ नर्सिंग अधिकारियों को कहा गया है कि इस आदेश को अमल में लाएं और भर्ती होने वाले किसी भी मरीज से कोविड जांच की प्रति न मांगें।
बता दें कि 2020 में शुरू हुई कोरोना महामारी के बाद से ऐसा आदेश पहली बार आया है जब एम्स ने अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों का रूटीन कोरोना जांच नहीं करने का फैसला किया है. अभी तक एम्स में आने वाले सभी मरीजों के लिए कोरोना की जांच (Covid-19 test) अनिवार्य थी, उसके बिना मरीजों को न तो इलाज और न ही जांच के लिए अस्पताल में भर्ती किया जाता था. इस दौरान बहुत सारे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था. कई बार कोरोना जांच पॉजिटिव आने पर मरीजों को सर्जरी का लाभ नहीं मिल पाता था या फिर लंबा इंतजार करना पड़ता था।
एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके शर्मा के मुताबिक, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार अस्पताल में भर्ती होने से पहले (नियमित और साथ ही डे केयर) और किसी भी छोटी या बड़ी सर्जरी से पहले नियमित कोरोना जांच बंद करने का निर्णय लिया गया है. हालांकि जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण नजर आएंगे तो उनका कोरोना टेस्ट कराया जाएगा लेकिन अब बाकी लोगों को राहत मिलेगी।