राजधानी रायपुर के अनेक जगहों पर गुड्डे-गुड़ियों की शादी रचाई गई दुर्ग के इस नगर में कुछ अलग हटके शादी की गई गई

अक्षय एक संस्कृत शब्द है। इसका अर्थ है- शाश्वत सुख, सफलता और आनंद की कमी न होने वाली भावना। तृतीया का अर्थ है- वैशाख शुक्ल पक्ष का तीसरा दिन।

इसी दिन त्रेतायुग का आरम्भ हुआ था। भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम की जयंती आज ही के दिन है। माँ गंगा का धरती पर आगमन आज ही हुआ था।

इसी पावन तिथि को महर्षि वेदव्यास और भगवान गणेश ने महाभारत ग्रंथ का लेखन शुरू किया था।

इसी दिन भगवान कृष्ण और सुदामा का मिलन हुआ था। महाभारत युद्ध का समापन दिवस भी है।

इस दिन कुंवारी कन्या अपने मन पसन्द वर हेतु गुड्डे गुड़ियों की शादी मिट्टी से बने हुई पुतले-पुतलियों के साथ करते हैं। ऐसा ही एक घर पर गुड्डे गुड़ियों की शादी पूरे रीति रिवाज के साथ देखा गया दुर्ग के शिव पारा में यादव परिवार में जिन्होंने लॉकडाउन और सोसल डिस्टैंस में जो इस कोविड को देखते किया जा रहा है वैसे ही गुड्डे गुड़ियों की शादी में 10 लोगों को शादी में बुलाया गया और पूरे लोग इस शादी में मास्क लगा के उपस्थित हुए दुल्हन दुलहे और  दस लोग मास्क लगाये दिखाई दे रहे हैं।

 

रायपुर के कई घरों के आंगन में गुड्डे गुड़ियों की शादी रचाई गई राजेंद्र नगर पंडरी गांधी नगर भाटागांव और कुछ जगहों पर गुड्डे गुड़ियों की शादी बच्चो और बड़ो द्वारा रचाई गई।

 

 

 

 

 

Author: Sudha Bag

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