आज समय हो गया हमारी तीसरी कहानी का ।

आज की कहानी है एक संघर्षशील महिला की जिनका नाम है वंदना भारत ठक्कर । हर स्त्री बेहद खुश होती है जब उसकी शादी होती है , उसे लगता है कि अब उसकी ज़िमेदारी उठाने वाला उसका जीवनसाथी उसे संभाल लेगा । पर अगर जीवन के मजधार में यदि वो उसे छोड़ जाए तो क्या होता है ।आइए जाने कैसे वंदना ने अपने जीवन व्यपन के लिए शंघर्ष किए और आज क्या वो खुश है ।

बीमारी के कारण वंदना के पति की मृत्यु हो गई और पूरे परिवार की जिम्मेदारी इनके ऊपर पर आ गई । बच्चों की पढ़ाई, घर का खर्च, परिवार की देख-रेख सारी जिम्मेदारी वंदना के कंधों पर आ गई । इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए इन्होंने ग्रह उद्योग शुरू किया और धीरे धीरे खुद को सशक्त बनाया । इतना ही नहीं वंदना ने ना केवल खुद को बल्कि उनके जैसी और भी महिलाओं को इन्होंने रोज़गर प्रदान कर उन्हें भी आत्मनिर्भर बनाया । आज वो सभी अपने जीवन से खुश है और सशक्त बन कर अपने परिवार,बच्चों और अपनी जिम्दारियों को पूरी तरह निभा रही है ।

श्रीमती यशा ¥ की रिपोर्ट ।

Author: Sudha Bag

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