शर्मिंदा होने की जगह रमन सिंह सवाल उठा रहे है ।

रायपुर/02 दिसंबर 2019। सारकेगुड़ा न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से उठाए जा रहे सवालों पर कांग्रेस ने कहा है कि जिस सरकार के कार्यकाल में निर्दोष आदिवासियों की नृशंस हत्याएं हुईं उस सरकार के मुखिया शर्मिंदा होकर माफ़ी मांगने की जगह बेशर्मी से मौजूदा सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.

कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सारकेगुड़ा की जो रिपोर्ट सामने आई है उससे आज छत्तीसगढ़ का हर संवेदनशील नागरिक शर्मिंदगी महसूस कर रहा है. लेकिन भाजपा के माथे पर शिकन तक नहीं है. यह घटना उनके कार्यकाल की है और आयोग का गठन भी उन्हीं की सरकार ने किया था. अब इस पर सवाल क्यों?

उन्होंने कहा है कि यह तो शुरुआत मात्र है. अभी तो झीरम कांड का सच सामने आना बचा है जिसमें राजनीतिक लाभ के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की एक पूरी पीढ़ी का नक्सली हमले के नाम पर सफ़ाया कर दिया गया. विधानसभा में आश्वासन देने के वाबजूद षडयंत्र की, सीबीआई जांच नहीं करवाई गई. उन्होंने कहा है कि अभी तो सारकेगुड़ा, एड़समेटा, पेद्दागेलूर का सच भी आएगा. मड़कम हिड़मे से लेकर सोनकू और बिजलू तक हत्या के कई मामलों की कलई भी खुलेगी.

कांग्रेस के आरोपों की पुष्टि हुई

कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि इस मुठभेड़ के दावों के बाद ही परिस्थितियों और मृतकों के पृष्ठभूमि के आधार पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया था। सारकेगुड़ा रमन सरकार के आतताई और क्रूर चेहरे का आईना है। रमन सिंह इधर-उधर की बातें करने के बजाय बतायें कि उनके राज में मासूम बच्चों, महिलाओं की हत्या क्यों करवायी गई? और मासूम आदिवासियों की क्रूर हत्या की जवाबदारी वे कब ले रहे हैं?

उन्होंने कहा है कि भाजपा रिपोर्ट कब कैसे सार्वजनिक हुई इस पर बखेड़ा खड़ा कर रही है जबकि यह सारी बातें गौण हैं। हमारे तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल जी ने इस मामले को पुरजोर तरीके से सड़क से सदन तक उठाया था और संदेह जताया था कि यह निर्दोष आदिवासियों की हत्या है। आज कांग्रेस का वह आरोप सही साबित हो गया है

कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अभी तो एक सिलसिला शुरु हुआ है. अभी कांग्रेस की ओर से लगाए गए अन्य आरोपों का सच भी सामने आएगा.

रमन सिंह जैसे भाजपा नेताओं को इस बारे में सोचना चाहिये कि बस्तर में जो अप्रिय स्थिति, आदिवासियों के लिये जो निरंतर खतरनाक स्थिति भाजपा सरकार ने निर्मित की उसके लिये सबसे पहले भाजपा सरकार के 15 साल मुखिया रहे, रमन सिंह जी को प्रदेश की जनता से क्षमा याचना करना चाहिये। प्रदेश के लोगों से क्षमा याचना मांगने के पहले इस बारे में कुछ बोलने का रमन सिंह जी और भाजपा नेताओं को कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद आज बस्तर में जो स्थितियां बेहतर हुई हैं। आदिवासियों का जनजीवन सुरक्षित हुआ है लेकिन यह बात रमन सिंह को हजम नहीं हो रही है क्योंकि साफ़ दिख रहा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा में बढ़ोत्तरी के पीछे उनकी ग़लत नीतियां ही थीं ।

श्रीमती यशा ¥ की रिपोर्ट 🖋️

Author: Sudha Bag

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