आज की हमारी अगली कहानी है विद्या साहू की जो एक समाज सेविका के साथ साथ खिलाड़ी भी रह चुकी है । आज की कहानी में थोड़ा खेल कूद भी शामिल है । ये वॉलीबॉल की स्टेट चैंपियन रह चुकी है । साथ ही अन्य और भी मेडल,सर्टिफिकय से इन्हें नवाज़ा गया है । इन्होंने ना केवल हमारी राजधानी में बल्कि और भी जगहों में अपना और हमारे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है ।
अब आते है इनके सामाजिक कार्यो में । विद्या ने महिला समूह बना कर उन्हें मैक्रिम के बैग बनाना सिखाया ताकि वो आत्मनिर्भर बन सकें । साथ ही महिलाओं को लोन की सुविधा भी उपलब्ध कराती है ताकि उन्हें किसी के सामने हाथ ना फैलाना पड़े । स्वयं को भी आज सशक्त बना कर अपने घर की हर जिमेदारी को पूरी कर , अपने बच्चों का लालन-पालन करती है । अच्छी शिक्षा देकर उन्हें भी आत्मनिर्भर बने की सिख देती है ।
विद्या साहू का कहना है कि खुद के साथ साथ जो दूसरों के भी काम आए वोही सच्चा मानव होता है । मानवधर्म सर्वोपरि ।
श्रीमती यशा ¥ की रिपोर्ट 🖋️
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