रायपुर. आचार्यश्री धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री द्वारा हनुमान मंदिर मैदान गुढ़ियारी में चल रही श्री राम कथा में प्रात: लगभग 10 बजे से महाराज का दिव्य दरबार दूसरे दिन भी लगा. महाराजश्री को प्राप्त ईश्वरीय शक्ति को देखने राष्ट्रीय स्तर कई प्रतिष्ठित इलेक्ट्रॉनिक एवम् प्रिंट मीडिया के प्रतिनिधि सहित लाखों श्रद्धालुओं विशाल समूह उपस्थित रहा।
बागेश्वरधाम के हनुमान की आरती कर महाराज ने अपना आसन ग्रहण किया एवम् रिंकू नाम को पुकारा तथा उसके मन में बालक होने की इच्छा के बारे में बताये. बिहार से आये एक व्यक्ति ने महाराज को अपने पिता का नाम गलत बताया जिसे महाराज ने सही बता दिया और उसकी भाभी को 19 नवम्बर तक संतान होने की बात बताये. वहीं एक महिला को पितृ दोष, पिता का नाम, पर-पुरुष से संबंध आदि जानकारी देकर सभी को आश्चर्य में डाल दिये. पेड़ के पास से राजू सिंह का नाम पुकार उसे बताये कि दहेज के कारण उसका रिश्ता टूट गया है. वहीं उसके जीवन के गुप्त रहस्य के बारे में बताये. पुरानी बस्ती से आये महेन्द्र को पहले ही लिखकर रखे कागज को पढ़वाये जिसमें उसके द्वारा लाये भतीजे के संबंध में जानकारी थी कि बालक को झटके आते हैं, मंद बुद्धि का है, ब्रेन व नस की शिकायत है. वह 40 प्रतिशत ठीक हो जाएगा. वहीं एक महिला को बुलाकर बताया कि उसके पास पूछने के लिये पांच लिखित प्रश्न है एवम् चौथा प्रश्न गुदा हुआ है. महिला जो लिखकर लाई थी महाराज ने वो सब बता दिया. महाराजश्री ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से कहा कि वे भीड़ से कोई भी व्यक्ति ले आयें मैं दो पर्ची में उनकी समस्या लिखा हूं, पीड़ित भी आपका, पर्चा भी आपके पसंद का. टाईम्स नाउ भारत के प्रतिनिधि ने एक महिला को लाया और 1 नं. का पर्चा चूना जिसमें उसके तलाक, व्याधि, बालक को झटका आने, अन्य से संबंध होने की जानकारी एवम् समस्या के निवारण की जानकारी लिखी थी. एक अन्य मीडिया प्रतिनिधि ने दूसरी महिला को लाया महाराजश्री ने उससे 2 या 3 नं. का लिखा कागज चुनने पूछा, उसने 3 नं. चुना जिसमें उस महिला की समस्या लिखी मिली. महाराजश्री ने ऐसे दर्जनों लोगों का नाम एवम् वे किस स्थान में बैठे हैं यह बताते हुए मंच में बुलाया एवम् उनकी अर्जी में क्या लिखा है और उसका क्या समाधान है, ये बताया. दरबार के मध्य में महाराज ने नकारात्मक ऊर्जा से ग्रस्त लोगों के मुट्ठी बांधकर मंत्र पढ़ाया जिससे लगभग 15-20 महिलायें एवम् कुछ पुरुष झूपने, रोने, चिखने-चिल्लाने लगे. महाराज ने उपस्थितजनों से हनुमान चालीसा का पाठ पढ़वाया. ऐसा नजारा शायद सभी ने पहली बार देखा होगा. सनातन धर्म की दिव्य शक्तियों से सभी आश्चर्यचकित, अचंभित थे. कथा स्थल पर उड़ीसा का एक क्रिश्चियन परिवार एवम् एक मुस्लिम महिला ने स्वेच्छा से हिन्दू धर्म को स्वीकार किया।
द्वितीय सत्र में श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस श्री बागेश्वरधाम के हनुमान जी की आरती ओमप्रकाश मिश्रा परिवार एवम् संयोजक संतोष सेन द्वारा की गई.
महाराजश्री आज का मंत्र दिये कि- इंसान ला स्वयं मा बने होना चाही, दुनिया मा कोन बने हे ऐला झन देखै …!!
महाराज ने कहा कि जो भी शरण में आये उसका स्वागत करें. क्रोध आना स्वाभाविक है पर कब, कितना क्रोध करें यह समझ होनी चाहिए. साम, दाम, दण्ड, भेद की नीति को उन्होंने विस्तार से समझाया. उन्होंने सेवा और सेवादार अर्थात दिखावे की सेवा पर अपने विचारों को बताया. गौ-सेवा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार के किये जा रहे कार्यों की सराहना की।
कथा में राजा जनक के दरबार में प्रभु श्रीराम-जानकी के वर-माला को मनमोहक तरीके से सुनाया. वर माला पश्चात भगवान परशुराम के क्रोध एवम् उनके प्रभु श्रीराम के व्यक्तित्व से प्रभावित होने के बारे में बताया. महाराजश्री की दिव्य शक्ति देखने, सुनने दरबार एवं कथा में हजारों की संख्या में जनसमूह उमड़ पड़ा था. महाराजश्री ने कौशल्या माता की पवित्र धरा को राममय बनाने के लिये आयोजक ओमप्रकाश मिश्रा की मुक्तकंठ से प्रशंसा की. कथा के दौरान- सीता-राम हनुमान…!! झुक गई कनक में रघुवीर लली…!! श्री राम जय राम, जय-जय राम…!! आदि भजनों से श्रद्धालुगण झूमे उठे.
कल दरबार नहीं लगेगा, दोपहर 1 बजे से श्री राम कथा आरंभ होगी।