अवैध रेत खदान धडल्ले से संचालित ,शिकायत के बाद भी खनिज विभाग एवं जिला प्रशासन रोक लगाने में असफल ? परमानंद जांगडे

विधानसभा  आरंग के अंतर्ग्रत ग्राम  कुरूद ,कुटेला मुहमेला, कागदेही ,करमंदी ,पारागावं , तथा अभनपुर के ग्राम   कुम्हारी ,गौरभाठ में रेत खदान स्थित है। जहाँ शासन के नियमो तथा मान. न्यायालय के नियमो को दरकिनार कर खुलेआम रेत खनन बदस्तूर जारी है ,यह कहना लाजमी होगा की  नियम कायदे को जेब में रखकर खनिज माफिया 24 घंटे ,डंके के चोट पर अवैध रूप से रेत खदान  का संचालन कर रहे है ,और  तो और  लीज समाप्ती के बाद भी कुरूद ,कुटेला ,रेत खदान  खुलेआम संचालित है , परमानंद जांगडे पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं आम आदमी पार्टी के नेता ने इस गोरख कारोबार पर सवाल उठाते हुये,आरोप लगाया है अवैध रेत खदान पर  प्रशासन राजनैतिक दबाव के चलते कार्यवाही नहीं कर रहे है ? की खनिज माफियाओ से साठ.गाठ है ?  अवैध कारोबार पर चुप्पी सवाल को जन्म देती है।

अवैध रेत खनन का खेल –

रोजाना प्रत्येक खदानों से अमूमन लगभग 150 से 200 ट्रक रेत निकलती है ,जहाँ प्रति ट्रक लोडिंग 4000 रूपये ले रही है ,इस प्रकार प्रति रेत खदान लगभग  8 लाख का कारोबार होती है, शासन के निर्धारित लोडिंग दर 50 रुपये घन मीटर है। जो कागजो में है। धरातल में बिना रॉयल्टी का लोडिंग 3000-4000 चल रही है। इस प्रकार सभी रेत खदानों से लभगग 70 से 80 लाख का कारोबार होती है ,जो राजकोष में प्रति दिन इसका 10/ भी राजस्व शासन को नहीं जाती है ,जिसके कारण बड़ी सेटिंग से अवैध रेत खदान में सफ़ेद पोस ….का सपोर्ट होने से कार्यवाही करने में हाथ पावं फूलती है ,खामियाजा शासन को  लाखो रूपये का रोजाना  राजस्व क्षति  होती है , खुलेआम संचालित अवैध रेत खदानों पर कार्यवाही नही किया जाना सवाल तो पैदा करती है। खनिज  विभाग मान. मुख्यमंत्री का विभाग है , शासन प्रशासन के जिमेदार अधिकारी कर्मचारी का निवास एव कार्यालय तथा विभाग का सचिवालय विधानसभा स्थित है ,बौउजुद प्रशासनिक व्यवस्था काफी  निरकुश दिखाई दे रही है ,तो बाकि दुरस्त जिलो का क्या  हाल होगा  भगवान् ही जाने।

 

पवित्र जीवनदायनी नदी  महानदी उक्त गावों से होकर गुजरी है | जहाँ नदी के सीने को छलनी कर ,खनिज संपदा का दोहन कर रही है ,जिस पर कड़ी कार्यवाही नही होने से खनिज  माफियाओ को संरक्षण एवं  बल मील रही है , अवैध रेत खदान पर मुख्यमंत्री एवं उच्च अधिकारी  संज्ञान लेकर सख्ती से  कार्यवाही का आदेश देगे  तभी यह गोरख कारोबार पर अंकुश लगेगी , नहीं तो भगवान ही जाने यह कहना अतिशोक्ति होगा लाजमी है |

 

जांगडे ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए गंभीर आरोप लगाये है की देश के सबसे प्रभाव शाली संस्था सुप्रीमकोर्ट के नियमो के विपरीत रात्री कालीन रात 6  बजे के बाद भी मशीन से 24 घंटे बेखौफ  खनन किया जा रहा है ,अनुबंध के विपरीत स्वीकृत सीमा के बाहर खनन हो रही है , साथ ही प्रयाप्त मजदूर होने के उपरांत भी मशीनों से रेत भराई कर रहे है |  नई खनिज प्लान मजदूरो के लिए अभिशाप से कम नहीं है ,मशीन से उत्खनन की अनुमती से खनिज माफियाओ को सीधा लाभ हो रही है ,प्रभावित खदान क्षेत्र के मजदुर जो पहले हजारो श्रमिको का रोजगार मील रहा था ,जो उनके रोजी रोटी के साधन तथा उनके जीवका  का आधार था , मिली भगत के चलते अधिकारियो के गलत निति के चलते प्रभावित क्षेत्र के  मजदूर रोजगार से भी वंचित  हो गये है , जिस पर मुख्यमंत्री को संज्ञान लेने का प्रेस एवं पत्र के माध्यम नई खनिज नीति में सुधार की माँग  श्री  जांगडे ने  की है।

 

जन मानस का आरोप :- अवैध रेत खदान से प्रभावित क्षेत्र के गावों के जन मानस में काफी आक्रोस व्याप्त हो रही है ,लोगो का आरौप है की शिकायत के बौजुद कार्यवाही नही किया जाता है , जनप्रतिनिधि आमजनता ,देश की तीसरी आँख  ने भी बार बार इस अवैध कारोबार को लेकर शासन प्रशासन के संज्ञान में लायी किन्तु कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति होती है,जो काफी दुर्भाग्यजनक है ,अब शासन प्रशासन के संज्ञान में आने पर कार्यवाही होगी उम्मीद है।

 

खनिज कलेक्टर रायपुर :- आरंग / अभनपुर के रेत खदान के संबंध में अवैध खनन की शिकायत  पर , कार्यवाही हेतु टीम लगातार भेजी जाती रही है | विभाग आगे भी सख्ती से कार्यवाही  करेगी।

 

परमानंद जांगडे :-  खनिज अमला एवं जिला प्रशासन खनिज माफियाओ को सरक्षण देने की काम कर रही है ,जिले में कोई नियम कानून नही दिखाई दे रही है खनिज विभाग एवं खनिज माफिया की संलिप्ता साफ साफ दिखाई दे रही है ,राज्य सरकार इस मामले को संज्ञान लेकर अवैध रेत खदान के संचालन पर कड़ी कार्यवाही करे , अन्यथा प्रभावित क्षेत्र की जनता सडक पर आकर आंदोलन करेगी।

 

अतुल विश्वकर्मा एस.डी.एम.आरंग :-  शिकायत मिली है   कार्यवाही करेंगे क्षेत्र में अवैध रेत खदान पर सख़्ती से कार्यवाही करेंगे हाल में ही  हमारी टीम कुम्हारी रेत खदान में कार्यवाही की है।

 

Author: Sudha Bag

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