महिला चेंबर प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती मधु अरोरा जी ने बताया कि छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज महिला चेम्बर द्वारा डॉ. नीता कंवर, डॉ. पारुल कांवड़िया, डॉ. पृथा पाण्डे, डॉ. अंजू बिसेन, के सानिध्य में कल दिनांक 15-12-2022 को कंवर नर्सिंग होम में सर्वाइकल कैंसर प्रति जागरूकता एवं निःशुल्क जाँच हेतु शिविर का आयोजन जिसमे 60-70 से अधिक महिलाओं ने निःशुल्क उपचार एवं जाँच कराकर लाभ उठाया।
शिविर में डॉ. अंजू बिसेन, डॉ. पृथा पाण्डे ने महिलाओं का रजिस्ट्रेशन कर उनका सामान्य चेकअप किया तत्पश्चात डॉ. नीता कंवर एवं डॉ. पारुल कांवड़िया द्वारा महिलाओं की जाँच कर रिपोर्ट पैथोलॉजी लैब भेजी गई जहाँ से 4 दिन बाद समस्त महिलाओं के रिपोर्ट के आधार पर उनकी काउन्सलिंग की जाएगी।
डाॅ. नीता कंवर ने बताया कि आरंभ में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण बहुत ही मामूली होते हैं जिसे महिलायें बहुत आसानी से नजरअंदाज कर देती है। कुछ सामान्य लक्षण है-योनि से अधिक रक्तस्राव होना, श्वेतप्रदर का होना, सेक्स के बाद योनि से रक्तस्राव आदि।
इन सभी लक्षणों से पहले अगर मरीज समय≤ पर अपना चेकअप एवं जांच (पेप स्मियर टेस्ट) करवाये ंतो महिलाओं में इस बीमारी को आरंभिक स्थिति में पकड़कर इलाज द्वारा पूर्णतः खत्म किया जा सकता है। आज महिलाओं की लापरवाही की वजह से हमारे देश मंे 18 प्रतिशत महिलायें इस बीमारी से ग्रस्त हैं।
शिविर में डॉ. नीता कंवर द्वारा सर्वाइकल कैंसर के कारण, लक्षण, चरण और रोकथाम के प्रति पूर्ण जानकारी दी गई । यह कैंसर मानव पेपिलोमा वायरस (भ् च्एट) के कारण होता है। आंशिक स्थिति में कैंसर अपना लक्षण नही दिखाता। अगर मरीज समय पर अपना चेकअप और स्क्रीनिग टेस्ट
(पैप स्मीयर) करवाती है तो महिलाओं को इस बीमारी को पूर्णतः खत्म कर दिया जाता है। परंतु औरतों की लापरवाही के कारण कई महिलाएं हमारे देश में इस बीमारी से ग्रस्त हो जाती है।
शिविर में डॉ. नीता कंवर द्वारा सर्वाइकल कैंसर के कारण, उसके लक्षण, रोकथाम एवं इलाज की संपूर्ण जानकारी दी गई । सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के मुंह का कैंसर होता है। यह कैंसर मानव पेपिलोमा वायरस (भ् च्एट) के कारण होता है। जांच की कमी और टीकाकरण के उपयोग की अनभिज्ञता के कारण विकासशील देशों में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर से मौत एक आम कारण है।
सर्वाइकल कैंसर को रोकने हेतु डाॅ. नीता कंवर ने आगे बताया कि इस बीमारी को सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण-गार्डासिल 4 एवं गार्डासिल नामक टीके द्वारा 9 साल की बच्ची से लेकर 45 साल की महिलाओं को दिया जा सकता है जिससे भविष्य में 80 प्रतिशत औरतों को इस बीमारी से मुक्त किया जा सकता है। इस टीकाकरण अभियान को अगर चलाया जाय तो संपूर्ण विश्व की महिलाओं में हर्ड इम्यूनिटी लाई जा सकती है।
डाॅ. नीता कंवर ने यह भी बताया कि प्रारंभिक लक्षणों को अगर इस पेप स्मियर टेस्ट द्वारा पकड़ा जाय तो इसका इलाज भी आसान तरीकों (क्रायो/लीप) पद्धति द्वारा किया जा सकता है। पेप स्मियर टेस्ट एक आससन, सुविधाजनक, कम खर्च में होने वाला एक विश्वसनीय टेस्ट है। अतः हमंे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इस टेस्ट को करवाने के लिये प्रेरित करना चाहिये।
प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती मधु अरोरा जी ने डॉ. अंजू बिसेन, डॉ. पृथा पाण्डे, डॉ. नीता कंवर एवं डॉ. पारुल कांवड़िया तथा कंवर नर्सिंग होम के समस्त स्टाफ सहित वहां उपस्थित समस्त महिलाओं का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर महिला चेंबर अध्यक्ष मधु अरोरा, महामंत्री पिंकी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष प्रेरणा भट्ट, संरक्षक मीनाक्षी टुटेजा, आभा मिश्रा, स्वाति सोनी, प्रीति, सुमन मुथा, नीलम दिवाकीर्ती, हेमल शाह, शोमा घोष विनीता, शोभा, इला भट्ट, कांता धीमान आदि उपस्थित थे।