जांजगीर चांपा के जिलाधीश जितेंद्र शुक्ला ने बताया, ”जिला और पुलिस प्रशासन को शुक्रवार दोपहर बाद राहुल के बोरवेल में गिरने की जानकारी मिली और तत्काल बचाव कार्य शुरू किया गया।” शुक्ला ने बताया कि राहुल को बाहर निकालने में मदद के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को बुलाया गया है। वहीं, चिकित्सकों के दल ने राहुल के लिए बोरवेल के भीतर ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की। जिलाधीश ने बताया कि बोरवेल से कुछ दूरी पर जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से समांतर गड्ढा किया जा रहा है। इस गड्ढे से एक सुरंग बनाकर राहुल को बाहर निकालने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने बताया, ”अभी तक लगभग 50 फुट का गड्ढा किया जा चुका है तथा इस कार्य में अभी पांच से छह घंटों का समय और लग सकता है।”
शुक्ला ने बताया कि राहुल की स्थिति का पता लगाने के लिए बोरवेल में रस्सी के सहारे एक कैमरा लगाया गया है। बीती रात लगभग 12 बजे तक राहुल ने हलचल की थी, इसके बाद उसने सुबह हलचल की है। वहां मौजूद चिकित्सकों के अनुसार राहुल की हालत ठीक है हालांकि, समय बीतने के साथ ही उसमें कुछ कमजोरी के लक्षण भी दिख रहे हैं। बोरवेल में रस्सी के सहारे राहुल के लिए केला और जूस पहुंचाया गया है और परिजन भी आवाज लगा रहे हैं, जिससे उसका मनोबल बना रहे। जिले के अन्य अधिकारियों ने बताया कि राहुल को बाहर निकालने के लिए चल रहे बचाव अभियान में सेना के विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि लड़के के पिता लाला राम साहू के मुताबिक उसने कुछ समय पहले घर के पिछले हिस्से में सब्जी की बाड़ी के लिए लगभग 80 फुट गहरे बोरवेल की खुदाई करवाई थी। जब बोरवेल में पानी नहीं निकला तब उसे बिना इस्तेमाल किए छोड़ दिया गया। शुक्रवार को बाड़ी में खेलने के दौरान राहुल इस सूखे, खुले पड़े बोरवेल में गिर गया। राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस तरह की दुर्घटना को रोकने के लिए सभी जिलाधीशों और पुलिस अधीक्षकों से खुले बोरवेल को बंद करवाने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों ने कहा, ”मुख्यमंत्री कार्यालय से सभी जिलाधीशों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि कोई बोरवेल खुला न हो जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं। ऐसे बोरवेल को तुरंत बंद करें तथा नियमित रूप से जिलों में इसकी समीक्षा की जाए।” मुख्यमंत्री बघेल ने ट्वीट किया, ”हम राहुल को बचाने के लिए रोबोट की भी मदद लेने का प्रयास कर रहे हैं। सूरत के रोबोट विशेषज्ञ से संपर्क करने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
बघेल ने कहा, ”साथ ही ऐसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए हम राज्य में ऐसे खुले बोरवेल को बंद करने का अभियान चलाएँगे। ग्रामीणों से भी सहयोग की उम्मीद रहेगी कि जहां भी वे खुला बोरबेल देखें हमें सूचित करें। इसके लिए हम एक अलग हेल्पलाइन जारी करेंगे। स्थानीय प्रशासन की ज़िम्मेदारी भी सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी सूचना मिलने पर फ़ौरन कार्रवाई करे। लेकिन इस सब में जनभागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है, मुझे विश्वास है कि हमेशा की तरह जनता का सहयोग मिलेगा।”
सूरत के महेश अहीर ने अपने इनोवेशन बोरवेल रेस्क्यू रोबेट की विशेषता को लेकर ट्वीट कर इस बचाव अभियान में मदद की पेशकश की थी।” उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ”अभी मैंने राहुल के माता-पिता से वीडियो कॉल के माध्यम से बात की है। मैं उनकी मनोदशा को समझ सकता हूँ। बच्चे का बोरवेल में गिरना दुखद है। हम सब उसे बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हमें विश्वास है कि ईश्वर हमारा साथ देंगे।”