टीबी के अति संवेदनशील लोगों की खोज शुरू, संभावितों की होगी ट्रू नॉट पद्धति से जांच मधुमेह और उच्च रक्तचाप रोगियों की हो रही जांच* महीने भर शहरों की मलिन बस्तियों में चलाया जाएगा अभियान

 

रायपुर 12 मई 2022,* रायपुर जिले को वर्ष 2023 तक टीबी से मुक्त बनाने के उद्देश्य से 12 मई से शहरी क्षेत्रों की मलिन बस्तियों में टीबी के अति संवेदनशील लोगों की खोज शुरू की गई है साथ ही संभावित रोगियों की ट्रू नॉट पद्धति से जांच कर पंजीकृत करके निशुल्क उपचार शुरू होगा, और मितानिन के माध्यम से नियमित फॉलो-अप भी किया जाएगा ।

इस बारे में जिला क्षय रोग नोडल अधिकारी डॉ. चतुर्वेदी ने बताया: ” टीबी के अति संवेदनशील लोगों की खोज का सर्वे शुरु कर दिया गया है । सर्वेक्षण की प्रत्येक टीम में दो सदस्य रखे गए है । जिसमें एक एएनएम और दूसरा मितानिन, टीबी मित्र या किसी एनजीओ का सदस्य है। शहर में आज खोखो पारा और कालीबाड़ी की बस्तियों से कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। यह सर्वे टीम शहरों की मलिन बस्तियों से टीबी के अति संवेदनशील लोगों की खोज करेंगी और संभावितों की ट्रू नॉट पद्धति से जांच की जाएगी । पाज़िटिव (धनात्मक) आए लोगों को पंजीकृत करके निशुल्क उपचार प्रदान किया जाएगा । इसके अतिरिक्त जेल, खदान, आश्रय गृह और अन्य संवेदनशील जगहों का मानचित्रण भी किया जाएगा। सर्वे के दौरान टीबी की जांच सभी उम्र के लोगों की होगी और 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की मधुमेह (diabetes) और उच्च रक्त चाप (hypertension) की भी जांच होगी। मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों में क्षय रोग या टीबी होने का जोखिम तीन गुना ज्यादा होता है।महीने भर चलने वाले इस सर्वे में शामिल होने वाले स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया गया है।‘’

डॉ. चतुर्वेदी ने आगे बताया: ‘’क्षय रोग माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होता है । यह मनुष्य के फेफड़ों, मस्तिष्क, पीठ, घुटने आदि को क्षतिग्रस्त कर सकता है । साथ ही संक्रमित व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार बना देता है ।“

*कारण*
जैसे संक्रमित गाय का दूध पीने से, संक्रमित व्यक्ति की छींक व खांसी से, प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो तो शरीर में टीबी के जीवाणु पनपने लगते हैं ।

*लक्षण*
दो सप्ताह से अधिक खांसी रहना, अकारण वजन का घटना व भूख न लगना, लगातार थकावट रहना, एक सप्ताह से अधिक समय तक बुखार बने रहना इसके प्रमुख लक्षण हो सकते है ।

*उपचार*
डॉक्टर से सलाह लें, डॉक्टर द्वारा बताई गई प्रतिरोधक दवाइयां नियमित रूप से पूरी अवधि तक ले ।

*रोकथाम*
रोगी को अलग कमरे में रखें, फल सब्जियों से युक्त भोजन लें , शरीर में प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए प्रतिदिन सुबह-शाम सैर करने जाएं,और समय पर बच्चों का टीकाकरण कराएं ।

*मधुमेह के लक्षण*
जल्दी जल्दी पेशाब आना, वजन घटना, प्यास बहुत ज्यादा लगना, कमजोरी अथवा थकान होना आदि मधुमेह के
प्रमुख लक्षण हैं।
*उच्च रक्तचाप के कारण-* नमक की अधिक मात्रा में सेवन ,अनियमित दिनचर्या, तनाव,धूम्रपान व नशीले चीजों का सेवन करना ,अनियमित खानपान व अत्यधिक वजन का बढ़ना आदि।

*लक्षण-* हमेशा थकावट महसूस करना, भारीपन, धुंधला दिखना, अत्यधिक पसीना आना, सिर में दर्द बना रहना, सिर घूमना, चिड़चिड़ाहट आना आदि।

*रोकथाम एवं उपचार-* हरी साग सब्जियों का सेवन करना , नमक का कम उपयोग करना,नशीले और धूम्रपान चीजों का सेवन ना करना, नियमित समय पर जांच व परामर्श कराना, योगा व एक्सरसाइज नियमित रूप से करना आदि।

Author: Sudha Bag

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