संस्कृत का उपरोक्त वाक्य निश्चित ही हमारा भविष्य तय करने वाला है, जितनी जल्दी हम इसे समझ लेंगे यह हमारे तथा राष्ट्र के लिए अच्छा होगा। संस्कृत भाषा के महत्व पर प्रकाश डालने वाली इस पुस्तक में संस्कृत भाषा के कुछ सूत्र, श्लोक एवं वदनाओं की विस्तृत व्याख्या हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में सम्मिलित है। वेदों, उपनिषदों, रामायण, महाभारत, पंचतंत्र हितोपदेश णक्य नीति, विदुर नीति, चरक सहिता, सुश्रुत संहिता इत्यादि प्रसिध्द ग्रंथों से लिए गए यह सूत्र, श्लोक 5000 वर्षों तक प्राचीन संस्कृत साहित्य के विशाल एवं महान ज्ञान की एक झलक मात्र है। यह पुस्तक मनुष्य जीवन निर्वाह हेतु सूक्ति परामर्श, सच्चाई, तथ्य, उपदेश एवं मार्गदर्शन की तरह होगी निराशा, दुख, परेशानी, शोक इत्यादि परिस्थितियों में यह मार्गदर्शन प्रदान करने का कार्य करेगी। संस्कृत एवं संस्कृति के प्रति गर्व का माम जगाकर यह पुस्तक हताशा, हिंसा, अपराध, आत्महानि, धोखा, आत्मघात, देशद्रोह इत्यादि विचारों पर रोक लगाने का भी काम करेगी ऐसी मेरी मान्यता है। अत जीवन की समग्रता को जानने समझने की इच्छ रखने वालों के लिए यह पुस्तक अत्यंत उपयोगी हो सकती है। यह पुस्तक क्यों पढ़े ?
1. 2 यदि आप भारतीय संस्कृति और संस्कृत पर गर्व करना चाहते हैं। एक सफल और शांतिपूर्ण जीवन जीने की प्राचीन भारतीय पद्धति को जानने के लिए।
3. बेहतर मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त करने एवं नकारात्मक विचारों के परित्याग के लिए।
4. 5 6. दैनिक दिनचर्या में आने वाले कुछ संस्कृत श्लोकों का भावार्थ एवं उद्गम जानने के लिए। उपलब्ध संस्कृत साहित्य की एक झलक पाने के लिए। संस्कृत और देवनागरी लिपि के महत्व को जानने के लिए।
इंजीनियरिंग महाविद्यालय में अध्ययन के समय से ही संस्कृत श्लोको का अपनी डायरी संकलन करने की रूचि रही है। लॉकडाउन के समय का उपयोग उक्त संकलन को पुस्तक का रूप मे किया, जो अंततः ब्लू रोज पब्लिशर, दरियागंज, दिल्ली द्वारा प्रकाशित कर दी गई है। मेरी पुत्री स् शैली गुप्ता जो कक्षा 9 वीं की विद्यार्थी है तथा इस पुस्तक में मेरे साथ सहलेखिका के में सम्मिा है, जिसने अंग्रेजी अनुवाद एवं अंग्रेजी शब्दों के चयन के साथ-साथ कम्प्यूटर अनुकुलित कार्य कर मेरी जो मदद की है, का भी धन्यवाद एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। इस पुस्तक विमोचन मेरे परममित्र एवं फिल्म जगत (बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता श्री भगवान तिवारी के कर क द्वारा किया गया।