16 प्रयासों के बाद स्वयं बना लिया हेलीकॉप्टर कोंडागांव का नन्हा वैज्ञानिक देश में बटोर रहा ख्याति

कोंडागांव : प्रदेश के कोंडागांव जिले के एक छात्र के विज्ञान के प्रति रुचि और उसके कौशल की चर्चा इन दिनों पूरे देश में हो रही है। कोंडागांव की केशकाल विकासखंड के छात्र दीपेश इन दिनों काफी मशहूर हो रहे हैं। केवल 13 वर्ष की आयु में इन्होंने कबाड़ से जुगाड़ करके इलेक्ट्रॉनिक ड्रोन और हेलीकॉप्टर बनाकर उसे उड़ाने में सफलता दर्ज की है। उनकी इस प्रतिभा को कोंडागांव के कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने भी सराहा है। इसके साथ ही विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया। स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्कूल के स्टाफ ने दीपेश का तिलक लगाकर एवं फूल माला पहनाकर सम्मान भी किया है।

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कबाड़ से जुगाड़ प्रदर्शनी में गाड़े झंडे

स्कूल प्रशासन ने छात्र के इस प्रतिभा के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि छात्र देवेश ने सर्वप्रथम 2021 के जनवरी महीने में ड्रोन बनाना शुरू किया। जिसके बाद लॉकडाउन के दौरान आपदा को अवसर में बदलते हुए वह लगातार ड्रोन बनाने का प्रयास करता रहा। जिसमें वह 16 बार असफल भी हुआ लेकिन उसने हार नहीं मानी और 17वें प्रयास में सफलता दर्ज करते हुए उसने अरंडी गांव में आयोजित संकुल स्तरीय कबाड़ से जुगाड़ प्रदर्शनी में अपना ड्रोन उड़ा कर सबको भौचक्का कर दिया। इस प्रदर्शनी में उसने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

दीपेश ने रिमोर्ड कंट्रोल से क्लास रूम में ही ड्रोन को उड़ा कर दिखाया।

बेटे की प्रतिभा परिवार के लिए गर्व का विषय

दीपेश के परिजन बताते हैं कि दीपेश के लिए वे जब भी खिलौने लेकर आते थे तब वह सभी खिलौनों को तोड़ फोड़ कर उसमें से कुछ अलग बनाने की कोशिश में लग जाता था। तब उसे बचपन में बहुत डांट भी पड़ती थी, और यह भी कहा जाता था ति खिलौने तोड़कर कर हमारे पैसों की बर्बादी कर रहे हो। लेकिन आज जब उसकी प्रतिभा को देखते हैं जिससे पूरे देश और प्रदेश में उसकी प्रशंसा हो रही है, तब हमें अफसोस होता है कि यदि इसे हमने पहले ही सहयोग किया होता तो आज हमारे परिवार का बेटा और बेहतर उपकरण बना चुका होता। बेटे की यह प्रतिभा पूरे परिवार के लिए गर्व का विषय है।

deepesh markam drone

कलेक्टर ने की सराहना

कोंडागांव जिले के कलेक्टर आईएएस पुष्पेंद्र कुमार मीणा और जिला पंचायत के सीईओ प्रेम प्रकाश शर्मा बालक की इस प्रतिभा के कायल हो गए हैं। कुछ समय पहले छात्र ने कलेक्ट्रेट भवन के सामने अपने बनाए ड्रोन और हेलीकॉप्टर को उड़ा कर प्रदर्शित किया था। जिसके बाद कलेक्टर ने दीपेश की बहुत प्रशंसा की। इस अवसर पर उन्होंने दीपेश के पिता को उसकी पढ़ाई लिखाई और उच्च शिक्षा के लिए हरसंभव सहायता देने का आश्वासन भी दिया।

ड्रोन को बनाने में केवल 50 से 100 रुपए का खर्च व 1 सप्ताह का ही समय लगा है।

Author: Sudha Bag

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