प्रकृति का अनछुआ खजाना — हांदावाड़ा जल प्रपात

बस्तर में दंतेवाड़ा जिले पर भी प्रकृति कम मेहरबान नहीं हैं। यहां दंतेवाड़ा में जहां घने जंगलो में ऊँची पर्वत चोटी पर गणेश जी विराजित हैं जहां प्रकृति एवँ इतिहास का अनूठा संगम दिखाई देता हैं वही विशालता लिये, सुन्दरतम झरना हांदावाड़ा जाने का मार्ग भी दंतेवाड़ा से ही जाता हैं। बस्तर में लोगो को दो जगह जाने की सबसे ज्यादा चाहत रहती हैं तो पहला हैं ढ़ोलकल और दुसरा हांदावाड़ा जलप्रपात।

हांदावाड़ा जलप्रपात नारायणपुर जिले के ओरछा विकासखण्ड में आता हैं। जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा से २० किलोमीटर की दुरी पर ऐतिहासिक नगरी बारसूर स्थित है। बारसूर से ०४ किलोमीटर की दुरी पर मूचनार नामक ग्राम में बस्तर की जीवनदायिनी इन्द्रावती बहती हैं। नदी के पार लगभग २५ से ३० किलोमीटर की दुरी पर अबूझमाड़ में हांदावाड़ा नाम का आधुनिक दुनिया से कटा हुआ छोटा सा ग्राम है। इस ग्राम से ०4 किलोमीटर की दुरी पर धारा डोंगरी की पहाड़ी में एक पहाड़ी नाला गोयदेर नदी लगभग 350 फ़ीट की ऊंचाई से गिरकर बहुत ही खूबसूरत एवं विशाल जलप्रपात का निर्माण करती है।

इसकी खूबसूरती इतनी मनमोहनी है की वहाँ से हटने का मन ही नहीं करता है. बस एकटक देखते रहो। बहुत ही रोमांचक एवं मन को आन्दित करने का दृश्य कई दिनों तक आँखों के सामने से हटता ही नही हैं। बस वह मनमोहक दृश्य आँखों के सामने घूमता रहता है। जलप्रपात तक पहूँचने के लिये चार किलो मीटर के घने जंगल में पैदल चलना पड़ता हैं। जंगल बेहद घना एवँ डरावना हैं। गांव वालो की मदद के बिना यहां जाना असंभव एवँ खतरनाक हैं। जलप्रपात की विशालता ,इसकी अप्रतिम सुन्दरता सारी थकान दूर कर देती हैं। इस जलप्रपात के ऊपर चढ़ने पर ऊपर एक छोटा सा झरना भी है। झरना छोटा है पर वो भी बहुत ही सुन्दर एवं मनमोहक है। झरने के ऊपर से चारो तरफ फैली हरियाली एवं निचे गिरता पानी की आवाज मन को बहुत ही आनंदित कर देते है।

इस झरने की आवाज 4 किलोमीटर की दुरी पर स्थित बस्ती में साफ साफ सुनाई देती है। बरसात के दिनों में यह जलप्रपात अपने विशाल रूप को पा लेता है। गर्मी के दिनों में नाले में पानी कम होने के कारन इसकी विशालता थोड़ी काम हो जाती है। वर्षाकाल में झरने की नदी अपने उफान पर होती है। इसलिए उस समय यहाँ पहुचना बहुत ही कष्ट दायक होता है। नवम्बर से मार्च तक के समय इस झरने के पर्यटन का किया जा सकता है। यहाँ पहुचने के लिये पैदल जाना ही पड़ता है।पतली पगडण्डी में चलते हुए यहाँ पंहुचा जा सकता है। छिंदनार के पास पाहुरनार में इंद्रावती पर विशाल पूल बन चुका है जहां से आप तुमरीगुंडा होते हुए हांदावाड़ा जा सकते हैं।
आभार::बस्तर भूषण

Author: Sudha Bag

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