कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर सभी प्रयास जारी हैं, कोरोना वैक्सीन लगवाना किसके लिए सुरक्षित है और किसके लिए नहीं। तमाम गाइड लाइन आने के बाद भी इस बात को लेकर अभी भी बहस जारी है, कहीं गर्भवती महिलाओं में इस बात को लेकर डर बना हुआ है तो कहीं पर जो महिलाएं बच्चों को दूध पिला रही हैं उनके मन में भी वैक्सीन को लेकर चिंता सता रही है। इसी बीच अब कर्नाटक में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां वैक्सीनेशन सेंटर से से कुछ महिलाओं को यह कहकर वापस कर दिया गया कि अभी उनके पीरियड चल रहे हैं इस दौरान अगर वैक्सीन ली तो उन्हें परेशानी हो सकती है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार समाज सेविका विद्या पाटिल ने बताया कि कर्नाटक के रायपुर में कुछ महिलाओं को इसलिए वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है क्योंकि उन्हें पीरियड चल रहे हैं, उन्होंने कहा कि महिलाओं को 5 दिन बाद वैक्सीन के लिए बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन सेंटर में उनसे कहा गया है कि इस वक्त वैक्सीन लगवाने से उन्हें काफी ज्यादा थकान महसूस हो सकती है, वहीं डिप्टी कमिश्नर आर वेंकटेश कुमार ने सरकारी निकायों को ऐसा कोई निर्देश देने की बात से मना किया। वहीं दूसरी तरफ गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छी खबर है कि अब वे भी कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोरोना रोधी वैक्सीन लगवा सकती हैं, दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन की सिफारिशों को मंजूर कर लिया है, इसका मतलब यह है कि गर्भवती महिलाएं अब कोविन एप पर पंजीकरण करा सकती हैं या टीका लगवाने के लिए सीधे टीकाकरण केंद्र जा सकती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के किसी भी स्टेज पर वैक्सीन ले सकती हैं।