बाल आश्रम में स्थापित प्रदेश की दो महान विभूति स्वर्गीय सेठ नेमीचंद श्रीमाल एवं स्व. गोविंद लाल वोरा की प्रतिमा का मुख्यमंत्री ने किया वर्चुअल उद्घाटन

रायपुर, 13 जून .. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आयोजित कार्यक्रम के दौरान रायपुर के बाल आश्रम परिसर में स्थापित प्रदेश की दो महान विभूतियों सेठ नेमीचंद श्रीमाल और गोविंद लाल वोरा की प्रतिमा का वर्चुअल उद्घान किया। इस अवसर पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विभाग निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू उपस्थित थे।
वहीं वर्चुअल उद्घाटन के दौरान बाल आश्रम परिसर में प्रमुख रूप से ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा, कुलदीप जुनेजा, विकास उपाध्याय, अरुण वोरा, महापौर एजाज ढेबर, बाल आश्रम समिति के अध्यक्ष अजय तिवारी, गोकुलदास डागा, स्वरूप चंद श्रीश्री माल, पूर्व अध्यक्ष आरडीए ललित तिवारी, महापौर दुर्ग बाकलीबाल, वरिष्ठ पत्रकार गिरीश वोरा, राजीव वोरा, डॉ. कमलेश अग्रवाल, आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन पर रूप चंद जैन ने कहा कि पूजनीय दादा के प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम के अवसर पर कुछ संक्षिप्त बातें कहना चाहता हूं। ग्राम खोपली से यह कार्य शुरू हुआ था और आज यहां एक मिसाल वृक्ष के रूप में बाल आश्रम के नाम से प्रचलित हो गया है इसीलिए श्रीमाल परिवार को खोपली परिवार के नाम से भी जाना जाता है । उन्होंने कहा कि स्वर्गीय दादा ने छत्तीसगढ़ की पहचान को बनाने में अमूल्य योगदान दिया। उनके समय में अंग्रेजों का शासन था। उन्होंने व्यापार और शासन से कभी समझौता नहीं किया । उन्होंने कहा कि एक समय रायपुर में अकाल पड़ा था जिसमें उन्होंने भरपूर मदद की थी उन्होंने कभी भी अपने आप को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं माना । 1978 में जब जेल भरो आंदोलन हुआ तब हमें पता चला कि वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में अंग्रेजों के साथ संकल्प कर रहे हैं । उन्होंने कोलार बांध योजना के लिए तत्कालीन समय के मुख्यमंत्री श्यामाचरण को 100000 का चेक दिया था ।इससे से ही पता चलता है कि वह समाज के प्रति कितने समर्पित थे। । इस दौरान स्वर्गीय नेमीचंद को समाज का अग्रणी व्यक्तित्व बताया । उन्होंने कहा कि वोरा जी का व्यक्तित्व सरल,सौम्य और सहज था । कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए जब कांग्रेस के महामंत्री  रमेश वल्यानी जी को बुलाया गया तो उन्होंने भी अपने उद्बोधन में कहा कि आज के बड़े औद्योगिक घराने के लोग को ऐसा व्यक्तित्व नहीं मिलता। वोरा ने जीवन के मूल्य विकसित किए। इस दौरान उन्होंने स्वर्गीय नेमीचंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने जीवन काल में स्कूल, बाल आश्रम खोलकर अनेक सामाजिक कार्यक्रम किए हैं। इस इस दौरान उन्होंने स्वर्गीय वोरा को लेकर कहां की उनमें समाचार को लेकर गहरी सोच थी ।

Author: Sudha Bag

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