रायपुर/24 मई 2021। कांग्रेस ने कहा कि अपने अपराधों की गम्भीरता से ध्यान भटकाने रमन सिंह और भाजपा थानों के घेराव और गिरफ्तारी की नौटंकी कर रहे। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि डॉ. रमन सिंह पूर्व में जीरम कांड, नानघोटाले, अगुस्ता हेलीकाप्टर घोटाले, पुष्प स्टील घोटाले में, अंतागढ़ कांड में भी संदिग्ध रहे है इन मामलों में भी गिरफ्तारी देने का साहस दिखाए। रमन सिंह ने जो दस्तावेज शेयर किये थे ट्वीटर में वे दस्तावेज फर्जी थे। ट्वीटर ने इस पर मेनूप्लेटेड मीडिया लिख दिया। बीबीसी, अल्ट न्यूज और सभी जाने माने प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने इन दस्तावेजों को फर्जी पाया। कांग्रेस के दस्तावेज कुछ और थे उन दस्तावेजों में छेड़छाड़ करके रमन सिंह ने इन दस्तावेजों को सार्वजनिक किया। फर्जी दस्तावेजों को सही बता कर फैलाना एक अपराध है। रमन सिंह जी यदि इसके लिये थाने जा रहे है, प्रदर्शन कर रहे है इस तरीके से फर्जी झूठे दस्तावेज फैलाने के लिये रमन सिंह जी के द्वारा संचार माध्यमों का दुरूपयोग कदापि उचित नहीं है। वे कितना भी प्रदर्शन कर लें जो गलत है वो गलत ही रहेगा। उनके प्रदर्शन से, उनके भीड़ से, उनकी गीदड़ भभकी से झूठ सच में नहीं बदल जायेगा। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि रमन सिंह जी किसी का भी नाम ले ले, कोई भी आरोप लगा ले जो अराजकता रमन सिंह के शासनकाल में हुई नसबंदी कांड, अंखफोड़वा कांड, झलियामारी, सारकेगुड़ा, पेद्दागेलूर, मीना खल्खों कांड और झीरम कांड अभी छत्तीसगढ़ के लोग उन कांडों को भूले नहीं है। रमन सिंह जी की जो भूमिका रही है उसको भी नहीं भूले है। कांग्रेस पर आरोप लगाने के पहले रमन सिंह जी अपने 15 साल के काले कार्यकाल को याद कर लें। अपने मुख्यमंत्री रहते हुये काले कारनामों को याद कर लें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। रमन सिंह थाने जा रहे है तो थाने में वे ये भी बता दें कि रमन मेडिकल स्टोर्स, पनामा पेपर्स, सीएम मैडम का नाम इनकी हकीकत क्या है? रमन सिंह को यह भी बताना चाहिये कि झीरम की जांच उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुये क्यों नहीं होने दी? उनकी केन्द्र सरकार हर बार झीरम की जांच को क्यों रोकती है? क्या छिपाना चाहते है रमन सिंह जी को यह भी बताना चाहिये। रमन सिंह को यह भी बताना चाहिये कि जिस जगह कांग्रेस के कार्यकर्ता के काफिले पर हमला हुआ ठीक वहीं पर पुलिस की सुरक्षा क्यों नहीं थी? माओवादियों की हमले की जगह पुलिस सुरक्षा न होने के बीच क्या संबंध था ये भी रमन सिंह जी को बताना चाहिये।