जबलपुर : केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून में नए प्रावधानों को लेकर विरोध बढ़ता ही जा रहा है. चालकों की हड़ताल से आम लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस मामले में एमपी हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को हड़ताल खत्म कराने के आदेश दिए है.
चालकों की हड़ताल पर दायर की गई याचिका
इस मामले में जबलपुर में दो अलग-अलग याचिकाएं लगाई गई थी. इसमें याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था की हड़ताल की वजह से बहुत सी जरूरी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. इनमें डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति शामिल थी. हड़ताल के चलते आम आदमी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यह याचिका समाजसेवी अखिलेश त्रिपाठी की ओर से लगाई गई थी और दूसरी याचिका जबलपुर के समाजसेवी संगठन नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से लगाई गई थी. अखिलेश त्रिपाठी की ओर से एडवोकेट पंकज दुबे ने पैरवी की और नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से एडवोकेट दिनेश उपाध्याय ने अपना पक्ष रखा.
हड़ताल करने वालों के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्यवाही की जाए : कोर्ट
यह याचिका मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ की कोर्ट में लगाई गई थी. याचिका की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश ने कड़ा रवैया अपनाते हुए आदेश दिया है कि सरकार ड्राइवर-कंडक्टर्स की हड़ताल को तुरंत खत्म करवाए और हड़ताल करने वाले संगठन के पदाधिकारी के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्यवाही की जाए. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह पर पैरवी कर रहे थे. उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को इस बात का आश्वासन दिलाया है कि वे राज्य सरकार से हड़ताल को तुरंत खत्म करवाने की कोशिश करेंगे. साथ ही हड़ताल कर रहे बस और ड्राइवर के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी.