रायपुर/सिक्ख धर्म के 9वें गुरु हिंद की चादर धन धन गुरु तेग बहादुर साहेब जी के 400 वें पावन प्रकाश पर्व (01मई) को वैश्विक महामारी कोरोना के विकराल रूप के मद्देनजर सुरक्षा की दृष्टि से सिक्ख समाज छत्तीसगढ़ ने प्रदेश के सिक्ख परिवारों को अपने अपने घरों में मनाने की अपील की है, इस आशय का एक संयुक्त बयान जारी करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष एवं सिक्ख समाज छत्तीसगढ़ के संयोजक महेन्द्र सिंह छाबड़ा व सिक्ख समाज के संयोजक एवं गुरुद्वारा स्टेशन रोड रायपुर के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह छाबड़ा ने बताया कि हिंदू धर्म और मानवता की रक्षा हेतु अपना शीश न्यौछावर करने वाले गुरु तेग बहादुर साहेब जी का 400 वां शताब्दी प्रकाश पर्व स्थितियां सामान्य रहने पर पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश की सँगत को एकत्रित कर बड़े स्तर पर राजधानी रायपुर में मनाया जाना था पर वर्तमान में कोरोना से निर्मित विपरीत परिस्थितियों के दृष्टिगत, जन सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए इसे घर घर मे मनाया जाएगा सिक्ख समाज के परिवारों द्वारा रखे गए श्री सहज पाठ साहेब जी की समाप्ति व गुरुपर्व अपने अपने घरों में मनाने का निर्णय लिया हैै।
सिक्ख समाज छत्तीसगढ़ के संयोजक द्वय ने आगे बताया कि 01 मई शनिवार को गुरूपुरब वाले दिन समूह सँगत अपने अपने घरों में दीवान सजाकर सुबह 11 बजे से 11.15 सहज पाठ साहेब की समाप्ति,11.15 से 12.15 सुखमनी साहेब का पाठ,12.15 से 12.45 शबद कीर्तन, 12.45 से 12.55 आनंद साहेब पाठ, 12.55 से 01 बजे अरदास और दोपहर 01 बजे गुरु का लंगर ग्रहण करें।
सिक्ख समाज छत्तीसगढ़ ने प्रदेश की समूह सँगत से विनती की है कि उपरोक्त समय पर ही एक साथ परिवार के सभी छोटे बड़े सदस्य गुरूबाणी गायन करें अपनी अपनी अरदास में पूरे संसार को कोरोना मुक्त करने, सरबत का भला मांगने और देह अरोगता का उल्लेख विशेष तौर पे करें साथ ही जपजी साहेब का पाठ करते हुए बकायदा सिर ढककर देग (कढ़ा प्रसाद) और गुरु का लंगर बनाए और घरों में ही गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा का अनुशरण करते हुए सँगत के रूप में पंगत में बैठ कर गुरु का लंगर ग्रहण करें साथ ही शाम रात में अपने घरों के चौखट दरवाजों,गैलरी में मोमबत्ती, दीप प्रज्वलित करें और सबसे महत्वपूर्ण बात अपने अपने घरों में मनाए गए गुरूपुरब की तस्वीरें व वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक वाट्सएप में अपने रिश्तेदारों, ईष्ट मित्रों को जरूर शेयर करें ताकि जन कल्याणकारी इस गुरुपर्व से पूरे संसार को प्रेरणा और संबल प्रदान हो।