इक्कीसवीं सदी के इक्कीसवें साल में आज पूरी दुनिया प्रवेश कर गई है और सुबह की नई किरण के साथ नए दिन की शुरूआत हुई और एक नया अध्याय भी शुरु हो गया। राजधानी रायपुर में लोग सुबह से मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और गिरजाघरों में जाकर भगवान से नए साल में खुशहाली के लिए प्रार्थना करने उमड़ पड़े।
बीते साल 2020 की कड़वाहट भुलाकर नए साल के भोर की पहली किरण को प्रणाम करते हुए युवाओं ने जीवन में कुछ नया और बेहतर करने का संकल्प लिया। बीते साल में कोरोना महामारी के दंश के चलते जो युवा अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए उन्होंने नए साल की पहली सुबह फिर जोशोखरोश से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प लिया। पुरानी बस्ती स्थित महामाया मंदिर, आजाद चौक के साईं मंदिर, वीआइपी रोड स्थित श्रीराम मंदिर, तात्यापारा, ब्राह्मणपारा, बूढ़ेश्वर मंदिर चौक, रामसागर पारा, स्टेशन रोड के हनुमान मंदिरों में दर्शन करने युवाओं का तांता लगा रहा। वहीं दूसरी ओर चर्चों में नए साल की पहली आराधना सुबह 9 बजे शुरू हुई। सेंट पॉल्स चर्च के पादरी अजय मार्टिन ने युवाओं से बीते साल के संघर्ष को भूलकर नए सिरे से जीवन को अध्यात्म से जोड़ते हुए सेवा, परोपकार, सहयोग की भावना से अपने लक्ष्यों को हासिल करने का संदेश दिया। इसी तरह स्टेशन रोड गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी अमरीक सिंह ने बताया कि नए साल की सुबह अनेक लोगों ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेककर अरदास की और गुरुजी के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। इसके अलावा मस्जिदों में भी युवाओं ने पहुंचकर दुआएं मांगी।