अधिवक्ता शत्रुहन साहू (प्रदेश अध्यक्ष किसान प्रकोष्ठ एवं प्रदेश सह संयोजक आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़) ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा अन्नदाता किसानों को पूंजीपतियों के अधीन लाने के लिए असंवैधानिक तरीके से पारित काले कानून पर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है देश भर के किसान संगठनों के द्वारा विगत तीन माह से इस बिल को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है यह लड़ाई केवल किसानों की नहीं हम सब की लड़ाई है पिछले 10 दिनों से ठिठुरती ठंड में हजारों किसान परिवार सहित सड़कों पर है दूसरी तरफ सरकार बैठक के नाम पर केवल टालमटोल कर रही है यदि इस काले कानून से किसान प्रभावित होते हैं तो पूरा देश प्रभावित होगा
श्री साहू ने आगे कहा कि यदि सरकार की मनसा किसानों की आय बढ़ाना है तो न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी अधिकार देने में आखिर दिक्कत क्या है?‘ असल में मोदी सरकार अम्बानी- अडानी के इशारे पर किसान विरोधी अध्यादेश लाकर खेत – खलिहान को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रख उनकी तिजौरी भरने का षडयंत्र कर रही है केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के नियत से किसान और खेती विरोधी एक क्रूर ‘काला बिल लाकर हरित क्रांति’ को हराने की घिनौनी साजिश की हैं ‘जिसके विरोध में 08 दिसम्बर 2020 को देश भर के किसान संगठनों के संयुक्त तत्वाधान मेंभारत बंद का आवाहन किया है जिसे आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ पूर्णता समर्थन करते हुए प्रदेश के सभी नागरिकों से अपील करती हैं कि वह 8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करें साथ ही सरकार से मांग करते हैं कि किसानों के हित में तीनों काले कानून को वापस ले न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप से वैध कर कृषि न्यायालय की स्थापना कर जय जवान जय किसान के सपने को साकार करे जिससे देश के अन्नदाता किसान खुशहाल हो सके