बीजाकसा के खूबसूरत बीज….!
काले और लाल रंग से रंगे इन छोटे बीजो को गूंजा /गोमती/गोमची भी कहा जाता है. इसका सबसे प्रचलित और पुराना नाम रत्ती है. एक समय था जब सोने चांदी का तौल इसके साथ किया जाता था. तब से यह कहावत प्रचलित हो गयी कि रत्ती भर होना.
इन बीजो की खासियत यह है कि सभी गुंजा बीजो का वजन एक सा होता है. इन बीजो का प्रयोग माला मे मनको के रुप में भी किया जाता है. बस्तर मे गोमती की माला यहाँ की पारम्परिक आभूषणो मे से एक है. इसकी माला बुरी नजर से बचने हेतु पहनी जाती है.
तंत्रशास्त्र के अनुसार गोमती की माला रंग बदलकर आने वाली मुसीबतों का संकेत देती है.गुंजा में बहुत ही ज्यादा आकर्षक शक्तियां होती है. जिससे किसी भी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित किया जा सकता है. इन बीजों में बहुत ही गजब की वशीकरण शक्ति होती है. इसके उपयोग से दुश्मनों को वश में किया जा सकता है. गुंजा का प्रयोग प्राचीन काल से तांत्रिक क्रियाओं में किया जा रहा है.
इसका पौधा बेलयुक्त होता है. फल के भीतर एक साथ कई बीज पाए जाते हैं. बस्तर के जंगलो मे इसके बेलयुक्त पौधे पाये जाते हैं.ये खूबसूरत बीज बीजाकसा झरना मे मिल गये तो झरने के साथ इसकी फोटो लेने से रोक नहीं पाया.