छत्तीसगढ़ में ब्लाक स्तर पर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी
रायपुर/01 जुलाई 2020। पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामो के विरोध में मोदी सरकार की आर्थिक लूट पर तंज कसते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में जिला कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद ब्लाको में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ कांग्रेस का धरना प्रदर्शन जारी है जो 4 जुलाई तक चलेगा। पेट्रोल-डीजल के महंगे दामों की मार गरीब आदमी और मध्यम वर्ग झेल रहा है। डीजल का उपयोग सिंचाई पंपों में और ट्रेक्टर से खेतों की जुताई में होता है। डीजल महंगा होने के कारण खेती की लागत बढ़ गयी है। किसान के धान का दाम केन्द्र सरकार बढ़ाती नहीं और महंगाई बढ़ाती जा रही है। डीजल महंगा होने से परिवहन की लागत बढ़ गयी है। किसान अनाज सब्जी हर वस्तु के दाम बढ़े है। आम उपभोक्ता महंगाई से त्रस्त है। गृहणियों के घर का बजट बिगड़ गया है। आज से रसोई गैस सिलेंडर भी महंगे हो गये।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आज देश का हर एक व्यक्ति कोरोना की महामारी से लड़ रहा है। साथ-साथ बेरोजगारी से लड़ रहा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमईआई) यह दावा करती है कि अप्रैल के तीसरे हफ्ते में देश में बेरोजगारी दर 26.2 प्रतिशत पहुंच गई है। आकलन है कि अब तक देश में 14 करोड़ लोग अपना काम गंवा चुके हैं। देश के युवाओं को 2 करोड़ रोजगार हर साल के अनुसार 6 साल में 12 करोड़ रोजगार मिलने थे। लेकिन हुआ ठीक उल्टा बेरोजगारी 45 साल में सर्वाधिक 27 प्रतिशत तक पहुंच गयी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि 130 करोड़ भारतीय कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। रोजी-रोटी की मार झेल रहे हैं। आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और संकट के इस समय में भी जनविरोधी केंद्र की भाजपा सरकार देशवासियों की खून पसीने की कमाई डीजल-पेट्रोल का दमा बढ़ाकर लूटने में लगी है। आज कच्चे तेल की कीमतें पूरी दुनिया में अपने न्यूनतम स्तर पर हैं। उनका लाभ 130 करोड़ देशवासियों को देने की बजाए मोदी सरकार पेट्रोल और डीज़ल पर निर्दयी तरीके से टैक्स लगाकर मुनाफाखोरी कर रही है। विपदा के समय इस प्रकार पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स लगाकर देशवासियों की गाढ़ी कमाई को लूटना ‘आर्थिक अराजकता’ है। कोरोना महामारी व गंभीर संकट के इस काल में पूरी दुनिया की सरकारें जनता की जेब में पैसा डाल रही हैं, पर इसके विपरीत केंद्र की भाजपा सरकार देशवासियों से मुनाफाखोरी व जबरन वसूली की हर रोज नई मिसाल पेश कर रही है। देश की जनता का खून चूसकर अपना खजाना भरना कहां तक सही या तर्कसंगत है।