रिक्त पद और आऊटसोर्सिंग का काला इतिहास अभी लोग भूले नही है :-त्रिवेदी।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी

प्रेस विज्ञप्ति

रमन सिंह जी के रिक्त पदों और आऊट सोर्सिंग का काला इतिहास अभी लोग भूले नहीं है

रमन सिंह सरकार ने 15 साल तक जिन पदों को खाली रखा उन्हें कांग्रेस सरकार से डेढ़ साल में भरने की अपेक्षा कैसे करते है : त्रिवेदी

क्या रमन सिंह जी को स्मृतिलोप हो गया है ???

रायपुर/22 जून 2020। रमन सिंह सरकार के 15 साल के रिक्त पदों और बेरोजगारी के आंकड़े जारी करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह सरकार ने 15 साल तक जिन पदों को खाली रखा उसे कांग्रेस सरकार से डेढ़ साल में भरने की अपेक्षा कैसे करते है। ऐसी मांग करते रमन सिंह जी को थोड़ा सा अपने कार्यकाल का भी ख्याल करना चाहिये था। रमन सिंह जी ने अपनी 15 साल की सरकार में क्या किया, यह भूल गये। रमन सिंह सरकार के 15 वर्षो में रिक्त पदों का लेखा-जोखा जारी करते हुये कांग्रेस ने पूछा है कि क्या रमन सिंह जी को स्मृतिलोप हो गया है?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने लगातार रोजगार देने के लिये काम किया है। प्रदेश में पहली बार राज्य सरकार द्वारा 40 अंग्रेजी माध्यम शालाओं की शुरूआत की गयी है। 15 हजार से अधिक स्थायी शिक्षकों की शालाओं में भर्ती की जा रही है। 1500 से अधिक स्थायी शिक्षकों की महाविद्यालयों में भर्ती की जा रही है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इण्डियन इकॉनामी (सीएमआईई) के अनुसार छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत से घटकर मात्र 3.4 प्रतिशत जबकि भारत में बेरोजगारी 23.5 प्रतिशत है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मध्यान्ह भोजन के रसोइयों आदि के मानदेय में वृद्धि भी की गयी है। रमन सिंह सरकार शिक्षाकर्मियों के साथ 15 साल तक संविलियन के नाम पर छलावा करती रही। शिकाकर्मियों के संविलियन का काम कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने पूरा करके दिखाया।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण छत्तीसगढ़ में पुलिस, शिक्षक भर्ती का काम थोड़ा सा रूका है। केन्द्र की मोदी सरकार के भेदभाव का दंश अलग छत्तीसगढ़ झेल रहा है। कांग्रेस सरकार पर झूठे आरोप लगाकर रमन सिंह यह सोचे कि रमन सिंह जी की सरकार में 15 साल तक के रिक्त पदों और आऊट सोर्सिंग का काला इतिहास अभी छत्तीसगढ़ के लोग भूले नहीं है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह जी को कांग्रेस ने याद दिलाया है कि भाजपा की केन्द्र सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनावों में दो करोड़ युवाओं को हर साल रोजगार देने का संकल्प लिया था। 6 वर्षो में 12 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना था। लेकिन हुआ उल्टा रोजगार कर रहे युवाओं की मोदी सरकार में तो नौकरियां चली गयी।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि जिस रमन सिंह सरकार ने 2015-16 में सिर्फ 397 लोगों को रोजगार दिया उसके मुखिया कांग्रेस पर झूठे निराधार आरोप लगायें इससे ज्यादा दुखद और कुछ भी नहीं है। पिछले 15 सालों में रमन-भाजपा सरकार में कोई भी शिक्षा नीति नहीं थी, न युवा नीति थी, न युवाओं को रोजगार के अवसर थे। भाजपा के केन्द्र सरकार ने देश के युवाओं से पान-पकौड़ों के स्टाल लगवाना चाहे और उनके ही नक़्शे क़दमों पर रमन सिंह जी ने तो पूरे छत्तीसगढ़ के बच्चों को मज़दूर बनाने की कोशिश की।

शैलेश नितिन त्रिवेदी
अध्यक्ष संचार विभाग
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी

रमन सिंह सरकार के 15 वर्षो में रिक्त पदों का लेखा-जोखा

रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुये कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह सरकार में 54,000 शिक्षको के पद रिक्त थे और पंचायत संवर्ग के शिक्षकों के 22,644 पद रिक्त थे। 3000 स्कूलों में सिर्फ़ एक ही शिक्षक थे। गणित, फ़िज़िक्स, केमिस्ट्री, अंग्रेज़ी एवं कामर्स के शिक्षकों की कमी रही है। रमन सिंह सरकार में शालेय शिक्षा की गुणवत्ता ( The Annual Survey of School Education Report 2017, ASER) के क्षेत्र में देश सबसे ख़राब प्रदर्शन वाले राज्यों में शामिल था।
केंद्र सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत राज्य के आबंटन में निरंतर कमी की गयी। 2014-15 में केंद्र से क्रमशः ₹927.05 करोड़, 2015-16 में ₹622.19 करोड़ एवं 2016-17 में ₹592.62 करोड़ तथा ₹457.45 करोड़ ही प्राप्त हुआ। शासकीय प्राथमिक शालाओं में कुल दर्ज संख्या में लगातार कमी आ रही है। 2014-15 में 21,05,095 छात्रों से घट यह संख्या 2017-18 में मात्र 18,10,853 ही रह गई है, यह शासकीय शालाओं की असफलता का जीताजागता सबूत था। सरकारी स्कूलों का मतलब ही रमन सिंह ने घटिया स्कूल बनाकर रख दिया था। और यह मामला स्कूलों तक ही सीमित नहीं है. कालेजों और विश्वविद्यालयों का भी यही हाल था।

रमन सिंह सरकार में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा

शासकीय कालेज में प्राध्यापको के 525 स्वीकृत पदों के विरुद्ध 525 पद रिक्त थे। किसी भी कालेज मे एक भी प्रोफेसर नहीं थे। विश्वविद्यालयों में प्रोफ़्फ़ेसेरों के (प्राध्यापको) के 67 स्वीकृत पदों के विरुद्ध 50 पद रिक्त (रिक्त पद 751) अनेक विश्वविद्यालयो में एक भी प्रोफेसर नही था। सहायक प्राध्यापको के कुल स्वीकृत पदो 3439 के विरुद्ध 1214 पद रिक्त थे। इंजीनियरिंग कालेजो में 741 स्वीकृत पदो के विरुद्ध 376 पद रिक्त थे। आई.टी.आई. में कुल स्वीकृत 2244 पदो के विरुद्ध 1582 पद रिक्त थे। स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय,भिलाई में कुल स्वीकृत पदों 140 के विरुद्ध केवल 5 पदों पर नियुक्तियां, 135 पद रिक्त थे। ट्रिपल आई.टी. (I.I.I.T.), नया रायपुर में कुल स्वीकृत 156 पदों के विरुद्ध 111 पद रिक्त थे। शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में कुल 2593 स्वीकृत पदों के विरुद्ध 1705 पद रिक्त थे। सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था रमन सिंह सरकार में भगवान भरोसे संतालित रही और राज्य के युवाओं का भविष्य अन्धकारमय था। पी.जी.कालेजो के प्राचार्यो के 47 स्वीकृत पदो के विरुद्ध 1 तथा स्नातक कालेज मे प्राचार्यो के स्वीकृत 169 पदों के विरुद्ध 104 पद स्थित थे।

रमन सिंह सरकार में चिकित्सा शिक्षा, अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों का हाल

रमन सिंह सरकार में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों के 50 प्रतिशत पद रिक्त थे और सर्जन, फिजिशियन, शिशुरोग, स्त्रीरोग विशेषज्ञों के 80 प्रतिशत पद रिक्त थे। डॉक्टर रमन सिंह की सरकार में पिछले 15 सालों में जगदलपुर, रायगढ़, राजनांदगांव और अंबिकापुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले, जिसमें से अंबिकापुर और राजनांदगांव अभी भी तदर्थ वाद पर चल रहे थे। शुरू के सालों में जगदलपुर और रायगढ़ में ‘0 Year’ घोषित कर दिया, क्योंकि सस्ती लोकप्रियता के चलते डॉक्टर रमन सिंह ने वहां डॉक्टर्स के रूप में शिक्षक पोस्ट ही नहीं किए। जिसके कारण ‘ओने पौने’ में व्यवस्था चलती रही। रमन सिंह सरकार गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा सुनिश्चित नहीं कर पाई थी। डॉक्टरों की कमी है पैरामेडिकल वर्कर्स हजारों की संख्या में बेरोजगार के रूप में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर थे। 15 वर्षों में मुख्यमंत्री रमन सिंह जी की सरकार ने छत्तीसगढ़ की तीन पीढ़ियों को बर्बाद किया। जिन बच्चों ने रमन सिंह जी के कार्यकाल में ही शिक्षा पाई उनके बारे में ही रमन सिंह जी कहते थे कि वे नौकरी करने के योग्य नहीं हैं और इस बहाने से रमन सिंह जी आउट सोर्सिंग करते रहे।

Author: Sudha Bag

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