महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा कन्या छात्रावास एवं आश्रमों में उपलब्ध कराये जा रहे सेनेटरी नैपकिन
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत् सूरजपुर जिले में महिलाओं एवं किशोरियों में माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरुकता लाने महिला स्व सहायता समूहों द्वारा कम लागत में सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराया जा रहा है। ग्राम संगठन की महिलाओं को इससे एक बेहतर व्यवसाय के साथ ही आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम भी मिला है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 28 मई को जिले की 10 महिला स्व-सहायता समूहों को कम लागत में उच्च गुणवत्तायुक्त बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन खरीदने के लिए 1-1 लाख की राशि प्रदान की गई थी। इसका विक्रय महिला स्व-सहायता समूहों के द्वारा गांवों में महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं के बीच किया जा रहा है। साथ ही समूह के सदस्य सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल के फायदेे बताकर स्वच्छता जागरुकता का भी प्रसार कर रही हैं। ग्राम संगठन की महिलाओं ने बताया कि नैपकिन के सुरक्षित उपयोग से संक्रमण, गर्भाशय कैंसर व प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं में कमी आयी है। किशोरी बालिकाओं की स्कूलों में उपस्थिति भी बढ़ी है।
महिलाओं एवं किशोरियों को माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरुक करने के साथ ही शत् प्रतिशत बायोडिग्रेडेबल व ईको फ्रेंडली सेनेटरी नैपकिन के उपयोग एवं सुरक्षित निपटान हेतु ग्राम संगठन की महिलाओं के द्वारा गांव-गांव में जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इनसे प्रेरित होकर जिले में अन्य महिला स्व-सहायता समूहों के द्वारा भी स्वयं की लागत से सेनेटरी पैड क्रय कर ग्र्रामीण क्षेत्रों में विक्रय किया जाने लगा है।