दि.01/05/2025
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर आज संध्या संयुक्त ट्रेड यूनियन कौंसिल के आव्हान पर श्रमिकों व कर्मचारियों ने मोतीबाग से भारी बारिश के बीच ही जंगी रैली निकालकर राजधानी की सड़कों पर मार्च किया तथा मोदी सरकार की मजदूर विरोधी श्रम संहिता एवं निजीकरण की नीति को वापस लेने की मांग पर 20 मई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल को छत्तीसगढ़ में भी सफल बनाने का ऐलान किया । मोतीबाग से निकली यह रैली छोटापारा, कोतवाली, निगम मुख्यालय होते हुए राजीव गांधी तिराहे पर आमसभा में तब्दील हो गई l इस दौरान देश की प्रमुख ट्रेड यूनियनों के आव्हान पर 20 मई की देशव्यापी आम हड़ताल को छत्तीसगढ़ में जबरदस्त रूप से सफल बनाए जाने का संकल्प लिया गया l सैकड़ों की संख्या में शामिल लोगों ने बैनर, झंडो व पोस्टरों से सुसज्जित रैली में केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार की श्रमिक व किसान विरोधी कदमों तथा सांप्रदायिक नीतियों का कड़ा विरोध करते हुए इसके खिलाफ वर्गीय एकता के साथ एकजुट संघर्षों को आगे बढ़ाने का उद्घोष किया l इस अवसर पर हुई सभा को सी जेड आई ई ए के महासचिव धर्मराज महापात्र, तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी, डाक कर्मचारी नेता दिनेश पटेल, आशुतोष सिंह, बी एस एन एल के हरिराम पाल, जे एस नशकर आर डी आई ई यू के महासचिव सुरेंद्र शर्मा, राजेश पराते ने संबोधित करते हुए मजदूर विरोधी चारों श्रम संहिताओं को वापस लेने, सरकारी क्षेत्र में शीघ्र नई भर्ती आरम्भ करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, महंगाई व बेरोजगारी पर रोक लगाने,26000 रुपए न्यूनतम वेतन प्रदान करने, समान काम का समान वेतन प्रदान करने, ठेका प्रथा व आउट सोर्सिंग पर रोक लगाने, किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम प्रदान करने , बिजली संशोधन विधेयक 2022 वापस लेने,मनरेगा में 200 दिनों तक रोजगार प्रदान करने, सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक लगाने, बीमा क्षेत्र सहित आधारभूत क्षेत्रों में एफ डी आई वापस लेने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने, सांप्रदायिकता पर रोक लगाने तथा सुपर रिच व कारपोरेट घराने पर अतिरिक्त कर लगाने की मांग की l वक्ताओं ने आरोप लगाया कि 44 श्रम कानूनों को निरस्त कर 4 श्रम संहिताओं को लागू करने की ओर केंद्र सरकार के बढ़ते कदमों से श्रमिकों को गुलामी के जीवन में धकेलने की तैयारियां हो रही है l केंद्र सरकार संविधान, जनवाद व धर्मनिरपेक्षता जैसे मूल्यों को समाप्त कर तानाशाही थोपने के प्रयास कर रही है l एक राष्ट्र एक चुनाव व समान नागरिक संहिता जैसे कदमों से लोकतांत्रिक अधिकारों पर खतरा पैदा हो गया है l चुनाव आयोग, ई डी, सी बी आई जैसी समस्त संस्थाओं की स्वायत्तता पर हमले कर विपक्ष के खिलाफ उनका दुरूपयोग किया जा रहा है l इन स्थितियों के खिलाफ देश के मजदूरों किसानों ने अपने संघर्षों को एकजुटता के साथ तेज करने का ऐलान किया है l 20 मई को आजाद भारत की सबसे बड़ी हड़ताली कार्यवाही के साथ 20 करोड़ से अधिक मेहनतकश संघर्षों की नई श्रृंखला का आगाज करेंगे l
संयुक्त ट्रेड यूनियन कौंसिल के नेतृत्व में संपन्न आज की कार्यवाही में उसके घटक संगठनों सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन, रायपुर डिवीजन इंश्योरेंस एम्पलाइज यूनियन, बी एस एन एल एम्पलाइज यूनियन, दवा विक्रेता संघ, सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एम्पलाइज एसोसिएशन, छ ग तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, डाक कर्मचारी संघu, एम्स यूनियन से जुड़े श्रमिकों व कर्मचारियों ने भारी संख्या में शिरकत की l सभा की अध्यक्षता और संचालन संयुक्त ट्रेड यूनियन कौंसिल के अध्यक्ष वी एस बघेल ने की