आज की हमारी कहानी एक कुली महिला की है ।

आज की कहानी ने मुझे बहुत प्रेरणा दी साथ ही कभी न हारने की सिख दी । एक ऐसी महिला कुली जिनका नाम मानबाई है, जो छः वर्ष की उम्र से कुली का काम कर रही है । उनके तीन बच्चे है जिनकी परवरिश वो खुद अपनी महनत से कर रही है । लोगो का बोझ अपने सर पर उठा कर परिवार का बोझ संभाल रही है ।

आज के दौर में जहाँ महिलाओं को शारिरिक श्रम में कम आका जाता है वहीं आज एक उदाहरण के तौर पर मानबाई ने अपने आपको सभी पुरुषों के बीच रह कर बेहतर साबित किया है । आज वहाँ के पुरुष कुली भी मानबाई की पूरी तरह से मदत करने के लिए त्यार रहते है ।

एक पैसेंजर को ट्रेन से उनके रिक्शा तक पोहोचाने कि पूरी ज़िमेदारी मानबाई बखूबी निभाती है । बच्चों को अच्छी स्कूल में पढ़ाने, अच्छा खान-पान, सुख-सुविधा हेतु वो पूरे दिन रेलवे स्टेशन में कार्य करती है और अपनी हर जिमेदारी को पूरी तरह निभाती है । 

श्रीमती यशा ¥ की रिपोर्ट 🖋️

Author: Sudha Bag

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