रायपुर में खुलेगा छत्तीसगढ़ का पहला आयुर्वेद विश्वविद्यालय: बृजमोहन अग्रवाल

 

रायपुर 27 जनवरी
आयुर्वेद हमारे जीवन पद्धति का एक अंग है। हमारे घरों का रसोईघर अपने आप में एक आयुर्वेदिक औषधि केंद्र है। एक जानकर व्यक्ति इनका सही प्रयोग करके निरोगी काया पा सकता है।यह कहना है शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल का।
श्री अग्रवाल ने शनिवार को श्री नारायण प्रसाद अवस्थी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में 2 दिवसीय आयुर्वेद एलुमनी मीट “स्वर्ण कुंभ” का शुभारंभ किया।
इस मौके पर उन्होंने ने कॉलेज से पढ़े ऐसे बुजुर्ग डॉक्टर्स जो आज देश विदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं उनका सम्मान किया।
श्री अग्रवाल ने कहा कि, आयुर्वेद आदिकाल से है। जब लंका में श्री लक्ष्मण जी मूर्क्षित हुए थे तब भी वैस्यराज ने आयुर्वेद के जरिए उनकी जान बचाई थी उस वक्त एलोपैथ का नामोनिशान नहीं था।
लेकिन अंग्रेजों के समय से भारतीय चिकित्सा प्रणाली को हाशिए पर ला दिया गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर आयुर्वेद और आयुष को बढ़ावा दिया जिसके बाद आज पूरी दुनिया में आयुर्वेद को अलग पहचान मिली। कोरोना काल में आयुर्वेदिक काढ़े और दवाइयों ने लाखो लोगो की जान बचाई।
श्री अग्रवाल ने लोगों में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता लाने का भी सुझाव दिया।
श्री अग्रवाल ने रायपुर में छत्तीसगढ़ के पहले आयुर्वेद विश्वविद्यालय खोलने की बात कही।
कार्यक्रम के दौरान पुराने दोस्तों से मिलकर मुख्यातिथि समेत सभी लोगों को छात्र जीवन के पुराने दिन ताजा हो गए।इस अवसर पर ऐसे लोगों से भी मुलाकात हुई जिन्होंने आयुर्वेद को एलोपैथी के बराबर का दर्जा दिलाने के लिए बहुत संघर्ष किया था। और जेल भी गए थे।
कार्यक्रम में पूर्व सांसद डॉ भूषणलाल जांगड़े, राष्ट्रीय कवि डॉ सुरेंद्र दुबे, प्राचार्य डॉ जी आर चतुर्वेदी, संयुक्त संचालक, आयुष डॉ सुनील कुमार दास, आयोजन समिति के अध्यक्ष, डॉ पतंजलि दीवान, डॉ शिव नारायण द्विवेदी, डॉ हरेंद्र शुक्ला समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित हुए।

Author: Sudha Bag

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *