रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ईडी ने कई ठिकानों पर छापेमारी कार्रवाई की है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईडी टीम की छापेमारी बुधवार को भी जारी रही। आज ईडी आईएएस अनिल टूटेजा, शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, होटल कारोबारी अनवर ढेबर और पप्पू बंसल के ठिकानों पर रेड की है।
ईडी टीम की के साथ सीआरपीएफ ने इन लोगों की आवास एवं कार्यालय की घेरा बंदी की है।हालांकि अभी तक इस बात की अधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है कि छापेमारी किस सिलसिले में की गई है।
इससे पहले कल मंगलवार 28 मार्च को ईडी टीम ने बड़े उद्योग समूह के ठिकानों पर टीम ने दबिश दी है। रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़ समेत कई शहरों में जांच जारी है।
ईडी ने कमल सारडा,के ठिकानों पर छापा मारा। इनके अलावा भिलाई, बिलासपुर व रायगढ़ में भी छापे की खबर है। इधर लोहा नगरी भिलाई में सेक्टर.9 में स्थित प्रशासनिक उच्चाधिकारियों के निवास स्थान में टीम दबिश दी है।
खबर के मुताबिक रायगढ़ जिले में ईडी के अधिकारियों के द्वारा उद्योग पति योगेश सिंघल और जमीन कारोबारी आलोक रतेरिया के यहां भी कार्रवाई चल रही है।
बता दें कि ईडी ने इससे पहले कोयला परिवहन घोटाला मामले में ईडी आईएएस समीर बिश्नाई, सीएम कार्यालय की उप सचिव सौम्या चौरसिया, कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी, कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी सहित दो माइनिंग अफसरों को गिरफ्तार कर चुकी है।
छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही ED की रेड को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा वर्ग नहीं बचा जहां छापा नहीं डाला गया हो। सीएम ने कहा, अगर कहीं ED की कार्रवाई नहीं होती तो केवल बीजेपी शासित राज्य हैं मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक।
उन्होंने कहा कि यहां ऐसा लगता है कि ED का दफ्तर ही नहीं है। महाराष्ट्र में जब तक उद्धव सरकार थी तब तक ED और CBI जैसी सेंट्रल एजेंसियां सक्रिय थी और जैसे ही सरकार बदली खरीद-फरोख्त हुआ, उसके बाद से ED का वहां कोई काम नहीं रह गया।
सीएम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के नेता और राष्ट्रीय नेताओं के इशारे पर ये सब किया जा रहा है। ED निष्पक्ष होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग के आधार पर अडानी जिनकी संपत्ति में 60% की कमी आई है, आखिर वहां जाकर ED क्यों छापे नहीं मारती।
सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नान और चिटफंड में भी कार्रवाई नहीं करती। महादेव ऐप में कार्रवाई नहीं कर रहे है क्योंकि इसमें बीजेपी शासित राज्यों के नेताओं के भी नाम आ गए हैं।