वरिष्ठ पत्रकार शगुफ्ता शीरीन
रायपुर।शहर में इन दिनों जामा मस्जिद के मुतवल्ली चुनाव की चर्चा जोरों पर है । खास बात यह है कि मुस्लिमो के साथ ही गैर मुस्लिमो की भी नजर इस चुनाव पर है । इसके पीछे वजह है चुनाव के दौरान वोटरों को लुभाने किए जा रहे वायदे और बजट का भी भारी भरकम होना ।वायदे भी किसी पांच साल वाले आम चुनाव की तरह किए जा रहे है । चुनाव में खड़ा कौन है कौन किसे अपना समर्थन दे रहा ये बाद की बात है ।अहम बात ये है कि इस बार अचानक वोटरों का बढ़ना और जामा मस्जिद की जमात से उनका लेना देना नहीं होना । वैसे हर मस्जिद में अब तक ऐसे ही किरदार मुतवल्ली बनते आए है जो उस मस्जिद में नमाज़ अदा करते है ।उनका उस जमात के और मुस्लिम मुयाशेरे से वास्ता हो । कौम के लोगो के दुख दर्द में काम आने वाले और मुस्लिमो की तरक्की को बढ़ावा देने वालो को ही मुतवल्ली बनाना हर ज़माती चाहता भी है । आज के दौर में मुस्लिमो की तरक्की और खुशहाली में कई तरह की रुकावटें है।मुल्क के हालात और भी इसे पेचीदा बना रहे है । कुछ इलाकों में आज भी कौम की बेदारी खटकती है। वहीं रोज़गार के नाम पर भी तंगहाली बनी हुई है। अब मुस्लिमो के अपने कानूनों पर भी सरकारी बंदिशे लगाई जा रही है । ऐसे में कौम की रहबरी एक मुश्किल काम होता है । ज़िम्मेदारी लेने वाले की भी सब सुने ये भी जरूरी नहीं है । मगर जो भी आगे काम के लिए आता है उसे कई मुश्किलों से गुजरना होता है । जामा मस्जिद सदर मस्जिद होती है । इसलिए शहर के मुस्लिम इसके मुतवल्ली चुनाव में भाग ले रहे है ।जामा मस्जिद के पास अपनी संपत्ति है जिसका रखरखाव और जो दूसरो के कब्जे में ज़मीन है उसका भी कब्जा छुड़ाना ज़रूरी है। और इसका इस्तेमाल भी ऐसे काम के लिए हो की मुस्लिमो का अपना अस्पताल स्कूल ,और व्यावसायिक क्षेत्र हो जहा उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार मिले। मुतवल्ली भी ऐसा ही होना चाहिए जो सबके लिए काम करे । वर्तमान और भविष्य के बारे में मुस्लिमो के हालातो को समझते हुए फैसले ले । न सिर्फ अपने लिए बल्कि सभी मुस्लिमो के बारे में अपनी एक अलग सोच रखे जिसका फायदा आने वाली पीढ़ियों को मिले । बहरहाल मुतवल्ली के लिए अपना कीमती वोट देने वालो को भी सोचना होगा कि वो ऐसी सोच वाले शख्स को वोट दे जो मुस्लिमो के मुस्तकबिल का सोचे ,उनके लिए काम करे और समाज की तरक्की को बढ़ावा दे सके।बहरहाल कल यानि कि 16 अक्टूबर को सुबह 8 बजे से 5 बजे तक जाना मस्जिद रायपुर के मुतवल्ली के लिए वोट डाले जाएंगे । सभी उम्मीदवारों ने बड़े बड़े दावे जीत के लिए किए है । करीब 8 हजार मुस्लिम मतदाता जो सभी 70 वाडो से जुड़े है वो वोट डालेंगे । इसके लिए वक्फ बोर्ड की ओर से चुनाव अधिकारी नियुक्त किए गए है। चुनाव सालेम स्कूल में पुलिस के पहरे में होगा । मतपेटियों की व्यवस्था कर ली गई है । चुनाव में रिजवान हमजा,मोहम्मद गुलाम अशरफ ,कलीम जो पूर्व सदर अब्दुल अज़ीम भोंदू के पुत्र है ,और फहीम खान मुख्य रूप से चुनाव मैदान में है । सभी की नजर चुनाव पर है कि आखिर कौन बनेगा जामा मस्जिद का मुतवल्ली ।