दरअसल, पूरा मामला उत्तराखंड का है. उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से सभी प्राचार्य और संयुक्त निदेशक को जारी निर्देश में कहा गया है कि उच्च स्तर से इस बात पर नाराजगी जताई गई है कि उच्च शिक्षा विभाग के तहत सेवारत कार्मिक उत्तराखंड कर्मचारी आचरण नियमावली की अवहेलना करते हुए सीधे अपने नाम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों को पत्र लिख रहे हैं. विभिन्न प्रकरणों पर सीधे इस तरह से प्रार्थना पत्र लिखा जाना नियमों के विरुद्ध और विभागीय गरिमा के खिलाफ है।
नियमों का हो रहा उल्लंघन
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. संदीप कुमार शर्मा ने कहा कि कुछ शिक्षकों और कर्मचारियों की ओर से सीधे मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखकर कर्मचारी आचार नियमावली का उल्लंघन किया जा रहा है. निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई प्रार्थना पत्र है तो वह उचित माध्यम से ही भेजा जाना चाहिए. ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।