रायपुर. शनिदेव परम शिव भक्त हैं और शिव के आदेश के मुताबिक ही शनि जगत के हर प्राणी को कर्मों के आधार पर दण्ड देते हैं. इसीलिए शनि या राहु आदि ग्रह पीड़ा शांति के लिए शिव की पूजा खासतौर पर शनिवार, सोमवार को बहुत ही कारगर होती है. भगवान शिवजी ने उन्हें वरदान देते हुए कहा कि नवग्रहों में तुम्हारा स्थान सर्वश्रेष्ठ रहेगा. तुम पृथ्वीलोक के न्यायाधीश व दंडाधिकारी रहोगे. साधारण मानव तो क्या- देवता, असुर, सिद्ध, विद्याधर और नाग भी तुम्हारे नाम से भयभीत रहेंगे।
भगवान शिव की कृपा हो जाए उस पर शनि सदा अपना आशीर्वाद ही बरसाते हैं. जो व्यक्ति भगवान शिव को खुश कर लेता है उसकी कुंडली में शनि दशा से संबंधित सभी दोषों का नाश हो जाता है. माना जाता है कि शनि देव भोले बाबा के आदेशानुसार प्राणियों को उनके अच्छे-बुरे कर्मों का दंड देते हैं. आज शिवलिंग और शनिदेव पर कुछ खास सामान अर्पित करने से उपासक की सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।
शनि पूजा हेतु स्नान करने के पश्चात पीपल पेड़ या शमी के पेड़ के नीचे गोबर से लीप ले और वह बेदी बनाकर कलश और शनिदेव की मूर्ति स्थापित करें।