रायपुर, 21 जून: अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के हजारों साधकों ने शान्ति सरोवर में राजयोग मेडिटेशन के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योगासनों का भी अभ्यास किया। इस अवसर पर साधकों का मार्गदर्शन करने के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी और पताजंलि योग प्रशिक्षक विपुल भट्ट और उनके सहयोगी उपस्थित थे। उन्होंने बहुत ही अच्छी तरह से एक-एक योगासन से होने वाले लाभ का वर्णन करते हुए सभी का मार्गदर्शन किया।
राजयोग से जीवन में स्थायी खुशी … ब्रह्माकुमारी कमला दीदी
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि राजयोग से जीवन में स्थायी खुशी प्राप्त की जा सकती है। वर्तमान समय लोग खुशी को भौतिक पदार्थों में ढूँढ रहे हैं किन्तु भौतिक पदार्थों से स्थायी खुशी नही मिल सकती है।
ब्रह्माकुमारी कमला दीदी अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा शान्ति सरोवर में आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रही थीं।
ब्रह्माकुमारी ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने आगे कहा कि किसी भी मनुष्य के जीवन में खुशी और शान्ति उसकी सबसे बड़ी सम्पत्ति होती है। जिसे पाने के लिए वह पूरी जिन्दगी प्रयास करता है। जब मनुष्य की खुशी भौतिक वस्तुओं पर आधारित होती है तो वह खुशी अल्पकालिक हो जाती है।
ब्रह्माकुमारी ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने बतलाया कि मनुष्य खुशी को बाहरी चीजों में ढूँढता है। खुशी उनके ही पास है, उसे अनुभव करने के लिए आत्म अनुभूति और परमात्म अनुभूति करने की जरूरत है। दरअसल विचारशक्ति का ही नाम मन है। विचार शक्ति बहुत बड़ा खजाना होती है। एक विचार किसी को खुशी दे सकता है तो वहीं वह किसी की खुशी छिन भी सकता है।
उन्होंने कहा कि आत्म अनुभूति और परमात्म अनुभूति राजयोग से आसानी से की जा सकती है। इसे राजयोग इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह हमको कर्मेन्द्रियों का राजा बनाता है। स्वयं पर नियंत्रण करना सिखलाता है। इससे आत्म विश्वास भी बढ़ता है। मन में खुशी और शान्ति होने से इसका असर शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। विभिन्न प्रयोगों से यह सिद्घ हो चुका है कि मन की अवस्था का रोगों के साथ गहरा सम्बन्ध है