खैरागढ़, 18 मई। छत्तीसगढ़ में ठीक एक महीने पहले 33वें जिले खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के गठन की अधिसूचना प्रकाशित की गई थी। इस प्रकार अब छत्तीसगढ़ में एक नए जिले ने अपना आकार लेना शुरू कर दिया है। खैरागढ़ उपचुनाव के दौरान किये गए अपने वादे को निभाते हुए भूपेश बघेल सरकार ने राजनांदगांव जिले की सीमाओं को बदलकर नए जिले खैरागढ़-छुईखदान-गंडई बनाया है।
खैरागढ़ पहले राजनांदगांव जिले का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन अब इसे खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के नाम से जाना जाने लगा है। जिला बनने के ठीक एक महीने बाद वन इंडिया हिंदी संवाददाता धीरेन्द्र गिरि गोस्वामी ने खैरागढ़ पहुंचकर जनता के मन की बाते जाननी चाही। कई लोगों से बातचीत करने के बाद यह समझ में आया कि खैरागढ़ की जनता नए जिले के अस्तित्व में आने से बेहद खुश है।
पुरानी मांग हुई पूरी, जाएगी विकास की उम्मीद
कुल्फी का ठेला लगाने वाले विनोद पटेल ने बताया कि हम लोग रोज कमाने और खाने वाले लोग हैं। खैरागढ़ के लोग काफी दिनों से जिला बनाये जाने की मांग कर रहे थे, लेकिन 15 साल छत्तीसगढ़ में भाजपा का शासन रहने के बाद जो नहीं हो सका, वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर दिखाया है, इसलिए अब उम्मीद जागने लगी है कि यहां विकास होगा और हम लोगों का अच्छे से रोजगार चल पायेगा।
खैरागढ़ की कॉलेज छात्रा धनेश्वरी कुर्रे ने कहा कि नया जिला बनने से स्थानीय युवाओं को बेहतर शिक्षा और रोजगार मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। अभी वर्तमान में यहां केवल खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय ही अपनी पहचान रखता है, लेकिन उम्मीद है कि यहां आगे कई नए स्कूल और कॉलेज खुलेंगे, जिससे युवाओं को लाभ होगा।
नहीं लगाने पड़ेंगे राजनांदगांव के चक्कर ,लेकिन रेलवे लाइन चाहते है नागरिक
व्यापारी अनिल जैन का कहना है कि खैरागढ़ को जिला बनाने का फैसला बहुत ही महत्वपूर्ण था, क्योंकि यहां के लोगों को अब किसी भी शासकीय कार्य के लिए 40 किलोमीटर दूर राजनांदगांव नहीं जाना पड़ेगा। खैरागढ़ एक ऐसा कस्बा है, जहां व्यापार अब तक फल-फूल नहीं सका है, मुझे लगता है, नया जिला बनने के बाद यहां कई उद्योग और व्यापारिक संस्थान खुलेंगे, जिससे रोजगार के साथ आर्थिक उन्नति का मार्ग भी खुलेगा।
खैरागढ़ के आम नागरिक रविंद्र मेश्राम का कहना है कि खैरागढ़ में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय स्थित है, अगर सरकार किसी तरह से खैरागढ़ तक रेल लाइन का विस्तार कर दे। कई अन्य नागरिकों ने कहा कि नया जिला बनाकर कांग्रेस ने जनता का दिल जीत लिया है, आने वाले आम चुनाव में इसका फायदा कांग्रेस को जरूर मिलेगा।
चुनाव के महीने भर बाद भी सीएम भूपेश का जादू बरकरार
खैरागढ़ के जिला बनाये जाने के बाद प्रदेश के कई अन्य हिस्सों में जिला बनाये जाने की मांग तेज होती जा रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि भूपेश बघेल चुनाव से ठीक पहले कुछ और नए जिलों की घोषणा कर सकते हैं। बीते साल खैरागढ़ से विधायक रहे देवव्रत सिंह के निधन हो जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए थे। कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खैरागढ़ की जनता से वादा किया था कि अगर कांग्रेस चुनाव जीतेगी, तो खैरागढ़ को जिला बनाया जायेगा। सीएम भूपेश की इस अपील का जबरदस्त असर देखने मिला और कांग्रेस की यशोदा वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल को 20 हजार से अधिक मतों के अंतर से हरा दिया। नतीजन सीएम भूपेश ने अपना वादा पूरा करते हुए खैरागढ़-गंडई- छुईखदान नाम का जिला बनाने की घोषणा कर दी।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के 71 विधायक
छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 कुल सीट हैं, जिसमे से 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटों पर जीत हासिल की थी। जिसमे से बीजेपी 15 और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ को 5 सीट मिली थी। वहीं बसपा को 2 सीटें हासिल हुईं थीं। बीते तीन सालों में बीजेपी के एक और जोगी कांग्रेस के दो विधायकों का निधन हो चुका है। इन दोनों स्थानों पर हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। इस प्रकार छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के 71, भाजपा के 14, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस यानि जोगी कांग्रेस के 3 और बसपा के 2 विधायक हैं।