NRDA प्रबंधन प्रदेश कीं जनता को भ्रमित ना करे – कामता रात्रे

आरंग :- नई राजधानी प्रभावित किसानो का आज 124 दिन किसान अपने अधिकार के लिए आमा बगीचा कयाबांधा में अभी भी आंदोलन में डटे हुए है। नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर के नेतृत्व में प्रभावित क्षेत्र के किसानो मज़दूरों युवाओं के वर्तमान एवं आने वाले पीढ़ी के लिये उनके संवैधानिक हक़ अधिकार की लड़ाई लड़ रहे है। किसानो द्वारा जब से उनकी भूमि को Nrda नई राजधानी परियोजना में लिया है। उसके बाद से ही लगभग. 20 वर्षों से ख़रीदी बिक्री पर लगी रोक को हटाने भूमि अधिग्रहण पुनर्वास में विसंगति को लेकर आंदोलनरत कर रहे है।

पूर्व की भाजपा सरकार में आंदोलन के बाद शासन ने 10 सूत्री माँग पर आदेश पारित किये थे। जिसका क्रियान्वयन भाजपा की सरकार में भी नही हुय। कांग्रेश पार्टी नई राजधानी की पीड़ा हरने का वादा किया , जो आंदोलन के बाद मलहम लगाने का काम कर रहे है। कामता रात्रे एवं परमानंद जांगड़े ने Nrda द्वारा हरिभूमि दैनिक अख़बार में दिनांक 06/05/2022 को प्रकाशित खबर आपसी सहमति से अर्जित भूमि पर कलेक्टर गाइड लाईन पर दोगुना मुआवज़ा देने का झूठी खबर एवं भ्रम फैला रहा है। जिसका नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति पुर ज़ोर खंडन करता है। जो की नई राजधानी नियोजन क्षेत्र निमोरा एवं छेरीखेड़ी भी शामिल है। जहां वर्ष 2006-7 में एनआरड़ीए का भू दर निर्धारण वर्ष ग्राम निमोरा का कलेक्टर गाइड लाईन दर मुख्य मार्ग पर प्रति हेक्टेयर दर 40 लाख रूपये , पहुँच मार्ग 15 लाख रुपये सिंचित भूमि 6.50 लाख दर निर्धारित था, क्या इसका दुगना करने पर दस लाख प्रति हेक्टेयर होगा ?
इसी प्रकार छेरीखेड़ी मुख्य मार्ग पर 50 लाख रूपये एवं अंदर की भूमि 25 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर वर्ष 2006-7 में निर्धारित था क्या इसका भी दुगना करने पर 10रुपये प्रति हेक्टेयर होगा ?
इसी प्रकार nrda द्वारा 13 अगस्त 2009 में नवभारत दैनिक अख़बार में विज्ञापन छपवाकर भ्रम फैलाया था।
उक्त झूठी खबर पर Nrda प्रबंधन से उक्त मामले पर श्वेत पत्र जारी कर जनता एवं मिडिया को जवाब देने का माँग किया है। नई रायपुर क्षेत्र की किसान मात्र एक प्रश्न पर जवाब चाहता है। जिसकी सच्चाई प्रदेश की जनता एवं शासन भी जान सके।
Nrda प्रशासन दम भरकर झूठ बोल रहे है की नई राजधानी
प्रभावित क्षेत्र की किसानो को
भूमि अधिग्रहण क़ानून के तहत दो गुणा मुआवज़ा दिया है। Nrda प्रशासन भ्रम फैलाया है की परियोजना क्षेत्र में जिस गावँ में सबसे अधिक गाइड लाईन दर है। उसी को आधार मानकर मुआवज़ा तय किया है। जबकि परियोजना क्षेत्र में छेरीखेड़ी एवं निमोरा भी सम्मिलित है। उक्त आधार पर मुआवज़ा का आकलन सही नही क़िये है।
परमानंद जांगड़े ने शासन प्रशासन से गंभीरता पूर्वक किसानो की समस्या को सुलझाने की माँग किया है।
आज नई राजधानी प्रभावित क्षेत्र की जनता की समस्या बड़ी गंभीर है। जिस पर चितन मनन कर बुनियादी आवश्यकताओं पर ध्यान देने की ज़रूरत है। आज की वर्तमान स्थिति काफ़ी चिंता जनक है गाँवों के निजी एवं लगभग समस्त निस्तारी की भूमि Nrda को हस्तांतरित हो गयीं है।
जिसमें निस्तार की तालाब रोड रास्ता नाली शमशान घाट खेल मैदान आदि सभी निस्तारी ज़मीन Nrda के अधीन हो गई है। जिस पर शासन प्रशासन सुध लेकर किसानो कीं समस्याओं का समाधान कर किसानो का अस्तित्व को बचायें ना की नई राजधानी के किसान का अस्तित्व ख़त्म करें।

Author: Sudha Bag

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