राष्ट्रीय सिन्धी भाषा दिवस 10अप्रैल रामनोवमी के दिन हवन पूजा कर और भाषा दिवस को केक कटकर की ओर अन्न सेवा दी और समाज की कई संस्था और अन्य राज्यों की आई टीम ने एक जुट होकर समाज के वजुद को एक करने की बात सभी ने कहीं डॉ सपना कुकरेजा ने बताया की पति की मृत्यु उपरांत उन्होंने फ्रेंड्स फॉरेवर ग्रुप को राजकूमार कुकरेजा मिमोरियल सोसायटी के नाम से रजिस्टर्ड कर खुद को तीन साल तक जमीन स्तर पर सर्च पढ़ाई और पीएचडी कर अपने पति की इच्छा को उन्ही के नाम से समर्पित समाज को एक नई दिशा देने का लक्ष्य बनाया जो राजकुमार कुकरेजा जी ने स्वयं सपना कुकरेजा को समाज के लिए एक मुकाम पर छोड़ गए और हर समाज में सेवा का योगदान कर आगे बढ़ाया डॉ सपना कुकरेजा ने कहा कि आज हर समाज में युवा और माता पिता को संघर्ष करना पड़ता है और बच्चो की महत्वकांक्ष माता पिता अपनी हर हाल में पूर्ण रूप से करते और बच्चे उनका ही सम्मान, और अंत समय तक साथ नहीं दे पाते इन्ही सभी बातो को और अपने पति की ईच्छा सिन्धी समाज के लिए हमे कुछ करना है को ध्यान में रखकर
राष्ट्रीय सिन्धी मंच जो दिल्ली केंद्र सरकार (दिल्ली) द्वारा मान्यता प्राप्त ट्रस्ट की स्थापना कर राष्ट्रिय सिन्धी भाषा दिवस मनाया जिसमें सम्मानीय मा आंनद रेखा कुकरेजा जी, नानू ठाकुर जी, महेश रोहड़ा,हर्षित खंडेलवाल, अश्वनी मिश्रा, सूरज जेठानी, सुनील जिज्ञासी, राज, गिरीश लहेज़ा,राजकुमार मंजर, अनिल रूपचंदानी, संतोष, प्रेम सोनी, श्रवड़ बुधवानी, सुनिल रंगलानी, सुरेश वाधावानी, प्रिया मंगलानी ,प्राप्ति सन्नी वाशानी ,कोमल आहूजा रोशनी पंजवानी, हेमा, जिया, दीपक, राहुल, राजेश वाधवानी, प्रह्लाद खेमानी प्रेम बिरनानी, त्रिलोक चिमनानी, सीमा बड़वानी, गीतिका नागदेव, रेणु अन्य अतिथि रात्रि काल तक बधाई देने आते रहे और एक नई आवाज एक नई दिशा की ओर अग्रसर राष्ट्रीय सिन्धी मंच राजकुमार कुकरेजा मैमोरियल सोसायटी ने आथियो का सम्मान माता की चुनर श्री फल एवम् माता भोज कर किया