रायपुर। छत्तीसगढ़ में महाविद्यालयीन परीक्षाएं ऑनलाइन ही आयोजित की जाएंगी, इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश जारी कर दिया है, जिस पर आदेश जल्द निकाले जाने की बात भी उन्होंने कही है। मुख्यमंत्री ने इस बात की जानकारी बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दी। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई (NSUI) के कार्यकर्ता लगातार इस बात की मांग कर रहे थे, जिस पर फैसला लिया जा चुका है और आदेश निकालने का निर्देश भी दे दिया गया है।
विदित है कि कोरोना काल की वजह से प्रदेश में पढ़ाई ऑनलाइन ही हुई है, लेकिन परीक्षा का आदेश ऑफलाइन लिए जाने का निकाला गया था, जिसके बाद प्रदेशभर में छात्र—छात्राओं ने विरोध शुरु कर दिया था। कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई (NSUI) ने यूनिवर्सिटी कैम्पस पहुंचकर इसका विरोध किया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से ऑनलाइन परीक्षा कराए जाने की मांग रखी थी।
सीएम बघेल ने किया ऐलान
अब इस मामले में बड़ी खबर सामने आ रही है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान किया है कि यूनिवर्सिटी के एग्जाम ऑनलाइन होंगे । बेमेतरा जिले के ताजा में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि छात्रों ने उनसे ऑनलाइन एग्जाम की मांग की थी इस संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं जल्द ही आदेश जारी हो जाएगा।
एनएसयूआई नेता आकाश शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ से दिए गए इस बयान के बाद छात्रों में खुशी है हमें उम्मीद है कि पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी प्रबंधन जल्द ही इसे लेकर निर्देश जारी करेगा जिससे स्टूडेंट मैं ऑनलाइन एग्जाम को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सके।
क्यों हो रही ऑनलाइन परीक्षा की मांग
छात्र नेता हनी सिंह ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने पूरे साल ऑनलाइन क्लासेस ली। बहुत से स्टूडेंट को पढ़ने में और कोर्स कंप्लीट करने में दिक्कतें आईं। इसकी शिकायत हमारे पास पहुंची थी। जिस वजह से एनएसयूआई के पदाधिकारी छात्र हित में इस मांग को यूनिवर्सिटी प्रबंधन के सामने रख रहे हैं। जब वह पढ़ाई ऑनलाइन तरीके से हो सकती है तो परीक्षा क्यों नहीं दी जा सकती। ऑनलाइन परीक्षा लिए जाने से परीक्षा का दबाव कम होगा, जिन बच्चों की ठीक तरह से तैयारी ही नहीं हो पाई उन्हें उत्तर देने का अधिक समय मिलेगा।
पौने दो लाख से ज्यादा स्टूडेंट
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र—छात्राओं की संख्या 1 लाख 82 हजार है। कोविड काल में इन सभी की परीक्षाएं ऑनलाइन ही हुईं हैं, ऐसे में अब ऑफलाइन परीक्षा से छात्र—छात्राओं को समस्या हो सकती है, जिसकी वजह से उनकी मांग है कि इस बार परीक्षाएं ऑनलाइन ही होनी चाहिए।