रायपुर (छ.ग.) 07 नवम्बर 2022। ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए आज महत्वपूर्ण दिन है। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने 3-2 के जजमेंट से ईडब्ल्यूएस आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इसे पूरी तरह से वैध करार दिया है। इस फैसले को सुनाने वाले जजों में चीफ जस्टिस यूयू ललित के अलावा जज एस रवींद्र भट, दिनेश माहेश्वरी, जेबी पार्डीवाला और बेला एम त्रिवेदी शामिल रहे हैं।
जिन दो जजों ने इस फैसले का समर्थन नहीं किया है उनमें चीफ जस्टिस यूयू ललित और जज एस रवींद्र भट शामिल हैं। इन दोनों जजों ने इस आरक्षण को गलत बताया है। जबकी के बाकी के तीनों जजों ने इस ईडब्ल्यूएस आरक्षण को पूरी तरह से संवैधानिक बताते हुए कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को यह आरक्षण मिलता रहेगा।
सवर्ण आयोग के संयोजक संदीप तिवारी विगत् वर्षों से सवर्णों के उत्थान के लिए सवर्ण आयोग गठित करने की मांग उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार द्वारा विभिन्न समाजों को सामाजिक उत्थान की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है, जिसमें छ.ग. के लगभग सभी समाज का प्रतिनिधित्व लोगों के बीच है, सिवाय सवर्ण को छोड़। कांग्रेस नेता संदीप तिवारी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र के माध्यम से संज्ञान में लाया था कि छत्तीसगढ़ में निवासरत् 08 प्रतिशत से भी ज्यादा सवर्ण लोगों के सामाजिक उत्थान को लेकर सवर्ण आयोग का गठन किया जाना अत्यंत आवश्यक है और आज जिस प्रकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा सवर्णों के पक्ष में सवर्णों को 10 प्रतिशत का आरक्षण देने फैसला लिया गया है, उसमें संदीप तिवारी ने उनके फैसले का स्वागत किया है।