दिनांक 09.03.2022 को थाना सिविल लाईन क्षेत्र से किये थे 03 वर्षीय मासूम का अपहरण।
रात्रि में सोते हुए मासूम का किये थे अपहरण।
अपहरण के बाद से आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु विशेष टीम का किया गया था गठन।
प्रकरण में लगभग 1,000 से अधिक सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के फुटेजों का किया गया अध्ययन व विश्लेषण।
आरोपियों द्वारा अपहरण करने की रचीं गयी थी पूरी योजनाक्रम।
आरोपियों द्वारा अपहरण के पूर्व कई दिनों तक लगातार की गई थीं घटना स्थल के पास रेकी।
आरोपियों द्वारा बहुत ही प्रोफेशनल तरीके से दिया गया था अपहरण की घटना को अंजाम।
मुख्य आरोपी के संबंध में जानकारी प्राप्त होने पर 10 सदस्यीय टीम की गई थी देहरादून रवाना।
टीम द्वारा देहरादून जाकर 02 दिनों तक कैम्प करते हुये प्रकरण के मुख्य आरोपी ईरफान अहमद को किया गया गिरफ्तार।
मुख्य आरोपी ईरफान अहमद है मूलतः देहरादून का निवासी जो विगत 20 – 25 वर्षो से रायपुर में कर रहा है निवास तथा वर्तमान में मंदिर हसौद में था निवासरत।
आरोपी ईरफान अहमद पूर्व में रायपुर के थाना पंडरी, डी.डी. नगर, न्यू राजेन्द्र नगर, कबीर नगर एवं आमानाका से प्रकरण में रह चुका है जेल निरूद्ध, जिसके कब्जे से चोरी की लगभग 20 लाख की मशरूका की गई थी जप्त।
इसके साथ ही आरोपी देहरादून (उत्तराखण्ड) में भी चोरी के प्रकरण में रह चुका है जेल निरूद्ध।
आरोपियों के कब्जे से घटना से संबंधित नगदी 5,000/- रूपये, 02 नग मोबाईल फोन, घटना के दौरान आरोपी ईरफान अहमद द्वारा पहने गये शर्ट व टोपी तथा ट्रेन का टिकट किया गया है जप्त।
प्रकरण में आरोपी शेरखान उर्फ गुड्डू है फरार जिसकी पतासाजी कर गिरफ्तार करने के किये जा रहे है हर संभव प्रयास।
गिरफ्तार आरोपियों से घटना में संलिप्त अन्य आरोपियों के संबंध में की जा रहीं है विस्तृत पूछताछ संलिप्तता में जो भी नाम सामने आएंगे उनकी भी की जाएगी गिरफ्तारी।
आरोपियों के विरूद्ध थाना सिविल लाईन में अपराध किया गया है अपराध पंजीबद्ध।
बजरंग सोनवानी ने थाना सिविल लाईन में रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 09.03.22 को वह अपने 03 वर्षीय पुत्र सुभाष सोनवानी के साथ रात्रि में राजेन्द्र नगर स्थित बूढ़ी माई मंदिर के पास रोड़ किनारे झोपडी में सोया था कि किसी अज्ञात आरोपी द्वारा उसके 03 वर्षीय पुत्र सुभाष सोनवानी का अपहरण कर ले गया। जिस पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना सिविल लाईन में अपराध पंजीबद्ध किया गया।
03 वर्षीय मासूम की अपहरण की घटना की गंभीरता को देखते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर तारकेश्वर पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध अभिषेक माहेश्वरी, नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाईन वीरेन्द्र चतुर्वेदी, प्रभारी एण्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट गिरीश तिवारी एवं थाना प्रभारी सिविल लाईन सत्यप्रकाश तिवारी को अज्ञात आरोपी की पतासाजी करते हुए बच्चे को सकुशल दस्तयाब करने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट तथा थाना सिविल लाईन पुलिस की एक विशेष टीम का गठन कर अज्ञात आरोपी एवं अपहृत की पतासाजी करना प्रारंभ किया गया।
अज्ञात आरोपी की गिरफ्तारी एवं अपहृत को छुड़ाने में लगी विशेष टीम द्वारा सर्वप्रथम घटना स्थल जाकर निरीक्षण किया गया एवं अलग – अलग कार्य हेतु टीमों का अलग – अलग गठन कर कार्य विभाजन किया गया। अलग – अलग टीमें बनाकर टीमों को सी.सी.टी.व्ही. फुटेज संग्रहण, तकनीकी विश्लेषण, अपहृत के संबंध में स्थानीय जानकारी एकत्रित करने सहित अन्य कार्यो में लगाया गया। सी.सी.टी.व्ही. फुटेज संग्रहण में लगी टीम को घटना स्थल पर एक दोपहिया वाहन में संदिग्ध का फुटेज प्राप्त होने पर वाहन के जाने वाले मार्गो को फॉलो करते हुए मार्ग मंे लगे सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के फुटेजों को लगातार खंगालते हुए 1,000 से भी अधिक सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के फुटेजों का अवलोकन करने के साथ ही रेलवे स्टेशन व टोल प्लाजा में लगे कैमरों के फुटेजों का भी अवलोकन किया गया, जिसमें अज्ञात आरोपी के संबंध में महत्वपूर्ण सुराग प्राप्त हुए। इसके साथ ही तकनीकी विश्लेषण करने वाली टीम को भी विश्लेषण के दौरान अज्ञात आरोपी के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई, जिस पर फुटेज एवं तकनीकी विश्लेषण दोनों का मिलान करते हुए अंततः आरोपी की उपस्थिति उत्तराखण्ड़ के देहरादून में होना पाया गया।
आरोपी की उपस्थिति देहरादून में होना पाये जाने पर एण्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट के प्रभारी निरीक्षक श्री गिरीश तिवारी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम को देहरादून रवाना किया गया। टीम के सदस्य देहरादून पहुंचकर आरोपी की पतासाजी करना प्रारंभ किये। टीम के सदस्यों द्वारा स्थानीय पुलिस व स्थानीय लोगों को बिना भनक लगे अपने कार्य को अंजाम दिया जाने लगा तथा लगातार 02 दिनों तक देहरादून में कैम्प करते हुए अंततः प्रकरण के मुख्य आरोपी ईरफान अहमद को गिरफ्तार कर अपहृत मासूम सुभाष सोनवानी को सकुशल दस्तयाब किया गया।
पूछताछ में गिरफ्तार मुख्य आरोपी ईरफान अहमद ने बताया कि देहरादून निवासी सलीम अहमद की तीन पुत्रीयां थीं तथा सलीम अहमद की पत्नि को डॉक्टर ने अगला बच्चा नहीं हो पाना बताया था परंतु सलीम अहमद एक लड़का चाहता था। जिस हेतु उसने अपने परिचितों से कह रखा था कि जो भी उसको लड़का लाकर देगा उसका वह जितना पैसा मांगेगा देगा। ईरफान अहमद सलीम का रिश्ते में साला लगता था जिसे पैसे की आवश्यकता होने पर उसने अपनी पत्नि शबाना परवीन व साथी शेरखान उर्फ गुड्डू निवासी रविग्राम तेलीबांधा रायपुर के साथ मिलकर रायपुर से किसी छोटे बच्चे की अपहरण करने की योजना बना डालीं। योजना के अनुसार तीनों रायपुर शहर में घुम – घुम कर बच्चे की तलाश करने लगे, इसी दौरान तीनों ने थाना सिविल लाईन क्षेत्रांतर्गत बूढ़ी माई मंदिर के पास झोपड़ी बनाकर रहने वाले लोगों के बच्चे को टारगेट किया तथा कुछ दिनों तक लगातार उस स्थान पर जाकर उस बच्चे को चुने जिसका अपहरण करना था तथा दिनांक घटना को मौका पाकर रात्रि में आरोपी ईरफान अहमद एवं शेरखान उर्फ गुड्डू मोटर सायकल में जाकर सोते हालत में मासूम सुभाष सोनवानी का अपहरण कर लिये। अपहरण पश्चात् आरोपियों ने बच्चे को ईरफान अहमद के निवास मंदिर हसौद ले गये। योजना के अनुसार ईरफान अहमद ने पूर्व से ही अपना, अपनी पत्नि व पुत्री का ट्रेन में सहारनपुर व देहरादून जाने का टिकट बुक करा लिया था तथा आरोपी ईरफान अहमद, अपनी पत्नि व पुत्री के साथ अपहृत सुभाष सोनवानी को टेन से लेकर उ.प्र. के सहारनपुर गया जहां उसने अपहृत को आरोपी सलीम के सुपुर्द किया तथा सलीम से 50,000/- रूपये लिया इसके पश्चात् ईरफान अहमद अपने परिवार के साथ देहरादून चला गया तथा आरोपी सलीम भी अपहृत को लेकर देहरादून चला गया।
प्रकरण में मुख्य आरोपी ईरफान अहमद तथा सलीम अहमद को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के कब्जे से घटना से संबंधित नगदी 5,000/- रूपये, 02 नग मोबाईल फोन, घटना के दौरान आरोपी ईरफान अहमद द्वारा पहने गये शर्ट व टोपी तथा ट्रेन का टिकट जप्त कर आरोपियों के विरूद्ध अग्रिम कार्यवाही की जा रहीं है।
आरोपी शेरखान उर्फ गुड्डू घटना कारित करने पश्चात् रायपुर में ही रूक गया था जो वर्तमान में अपने परिवार सहित रायपुर से कहीं अन्यत्र फरार है, जिसकी पतासाजी कर गिरफ्तार करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। इसके साथ ही घटना में संलिप्त जो भी नाम सामने आएंगे उनकी भी पतासाजी कर गिरफ्तारी की जाएगी।
आरोपी ईरफान अहमद मुख्यतः देहरादून का निवासी है जो विगत 20 – 25 वर्षो से रायपुर के श्याम नगर तेलीबांधा में किराए के मकान में निवासरत था जो घटना कारित करने के उद्देश्य से वर्तमान में मंदिर हसौद में किराए के मकान में रह रहा था तथा घटना का मास्टर माइंड व मुख्य आरोपी है। आरोपी वर्ष 2019 में थाना पंडरी, डी.डी. नगर, न्यू राजेन्द्र नगर, कबीर नगर एवं आमानाका से प्रकरण में जेल निरूद्ध रह चुका है जिसके कब्जे से उक्त प्रकरणों में सोने, चांदी के जेवरात एवं नगदी रकम सहित कुल लगभग 20 लाख रूपये का मशरूका जप्त किया गया था। इसके साथ ही आरोपी देहरादून (उत्तराखण्ड) में भी चोरी के प्रकरण में जेल निरूद्ध रह चुका है।