रायपुर। खैरागढ़ राजपरिवार की पारिवारिक लड़ाई उपचुनाव की तारीख घोषित होते ही एक बार फिर सामने आई है जिसमें उनकी दूसरी पत्नी विभा देवव्रत सिंह ने कहा है कि उनकी चुनाव में कोई दावेदारी नहीं है वे अपने पति के मान सम्मान को कायम रखना चाहते हैं और क्षेत्र की जनता के साथ बने रिश्ते को आगे भी यथावत बनाये रखेंगे।
दिवंगत देवव्रत सिंह की दूसरी पत्नी विभा देवव्रत सिंह ने आरोप लगाया कि आने वाले विधानसभा के उपचुनाव में उनकी कोई दावेदारी नहीं है। जबकि उनके पति की पहली पत्नी पद्मा सिंह तलाक के बाद भी उनकी संपत्ति और यहां चुनाव के जरिए राजनीतिक लाभ उठाने की तैयारी में है।
विभा सिंह ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाते हुए कहा कि पद्मा सिंह वास्तव में पदमा सिंह नहीं बल्कि पदमा पंत है क्योंकि स्व. देवव्रत सिंह से तलाक के बाद पद्मा सिंह द्वारा हिमाचल निवासी नितिन पंत के साथ विवाह किया गया। पदमा सिंह की इन्ही हरकतों के कारण स्व देवव्रत सिंह द्वारा उन्हें तलाक दिया गया था। उन्होंने कहा कि तलाक में पद्मा सिंह ने 11 करोड़ की भारी रकम लेकर उनसे तलाक लिया था। स्व. देवव्रत सिंह के द्वारा तलाक के समय यह रकम अपनी पुश्तैनी जमीन-जायदाद बेचकर दिया था। जिससे वे बड़े ही आहत थे। जब नितिन पंत के साथ पदमा ने शादी कर लिया तो फिर अब किस हैसियत से वह खैरागढ़ में आकर रह रही है। केवल और केवल राजनीतिक स्वार्थ के अलावा और कुछ नहीं है, पदमा खैरागढ़ में घूम-घूम कर अपने आप को स्व. देवव्रत की विधवा कह राजनीतिक रोटी सेंकने का काम कर रही है. गौरतलब है कि खैरागढ़ का उपचुनाव 12 अप्रैल को होना है।