प्रार्थी उदय रावले ने थाना डी.डी.नगर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह शांति विहार कालोनी डंगनिया रायपुर में अपने परिवार के साथ रहता है तथा सेवानिवृत्त प्राचार्य है। दिनांक 10.08.2020 को मोबाईल नंबर 8869848617 से प्रार्थी के मोबाईल नंबर पर काॅल आया और मोबाईल धारक ने प्रार्थी को बोला कि आपका एल.आई.सी. एवं एच.डी.एफ.सी. की पाॅलिसी कैंसल होकर लोकपाल में आई है। मैं इस फाइल को डील कर रहा हूं आप फाईल चार्ज आदि के नाम से 68,262 रूपए एल.आई.सी. सोल्यूशन खाते में जमा करें। जिस पर प्रार्थी ने उसके बोलेनुसार दिनांक 14.08.2020 को 68,262 रू. उनके एल.आई.सी. सोल्यूसन खाता क्रमांक 316801010037964 में जमा किया। इसके बाद एक और मोबाईल नंबर 9990739147 से भी प्रार्थी के मोबाईल फोन पर काॅल आया तथा उक्त दोनों मोबाईल नंबरों के धारकों द्वारा प्रार्थी को सिक्यूरिटी टेक्स आदि के नाम से लगातार अलग-अलग खातों में अलग – अलग तिथियों में कुल 39,13,364/- रूपए जमाकर धोखाधड़ी किये। जिस पर अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध थाना डी.डी.नगर में अपराध क्रमांक 523/21 धारा 420 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।
लाखों रूपये की ठगी की घटना को वरिष्ठ पुलिस महोदय श्री प्रशांत अग्रवाल द्वारा गंभीरता से लेते हुये अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्री आकाश राव गिरिपुंजे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री अभिषेक माहेश्वरी, नगर पुलिस अधीक्षक पुरानी बस्ती श्री राजेश चैधरी, थाना प्रभारी डी.डी.नगर सुश्री योगिता खापर्डे एवं प्रभारी सायबर सेल को अज्ञात आरोपियों की पतासाजी कर गिरफ्तार करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में सायबर सेल एवं थाना डी.डी.नगर की संयुक्त टीम द्वारा अज्ञात आरोपियों की पतासाजी करना प्रारंभ किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा घटना के संबंध में प्रार्थी से विस्तृत पूछताछ किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा जिन मोबाईल नंबरों से प्रार्थी के मोबाईल फोन पर काॅल आया था, उन मोबाईल नंबरों का तकनीकी विश्लेषण करने के साथ ही जिन खातों में रकम स्थानांतरित किये गये थे, उन खातों के संबंध में भी संबंधित बैंकों एवं एल.आई.सी. से दस्तावेज व जानकारी प्राप्त की जाकर अज्ञात आरोपियों को चिन्हांकित करने के प्रयास करते हुये ठगी हेतु आये मोबाईल नंबरों के साथ – साथ उनसे संबंधित अन्य कई मोबाईल नंबरों का लगातार विश्लेषण करते हुये अंततः आरोपियों को चिन्हांकित करने में सफलता मिली तथा आरोपियों को दिल्ली एवं मधुबनी बिहार में लोकेट किया गया। जिस पर दो अलग – अलग टीमों को दिल्ली एवं मधुबनी बिहार रवाना किया गया। टीमों द्वारा दिल्ली एवं मधुबनी में लगातार कैम्प करते हुए आरोपियों की पड़ताल करने पर यह सुनिश्चित हुआ कि आरोपियों द्वारा बहुत ही सर्तकता से अपनी स्वयं की पहचान छिपाते हुये इस तरह की ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है। आरोपियों द्वारा उपयोग किये गये मोबाईल नंबर फर्जी होने के साथ ही बैंक खातों के पते भी दूसरे स्थानों के थे। आरोपियों द्वारा उन मोबाईल नंबरों एवं खातों का उपयोग सिर्फ और सिर्फ ठगी की वारदात को कारित करने के लिए किया गया था। दिल्ली में कैम्प कर रही टीम को तकनीकी विश्लेषण के आधार पर घटना में संलिप्त आरोपी आयुष कुमार सिंह एवं मंटू कुमार सिंह उर्फ मनीष कुमार सिंह के दिल्ली में निवास स्थान के संबंध में अहम सुराग प्राप्त हुआ। जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा दोनों आरोपियों की पतासाजी करते हुए आरोपी आयुष कुमार सिंह एवं मंटू कुमार सिंह उर्फ मनीष कुमार सिंह को गिरफ्तार करने में सफलता मिलीं। इसी प्रकार मधुबनी बिहार में कैम्प रहीं टीम द्वारा आरोपी राघवेन्द्र कुमार सिंह को भी गिरफ्तार किया गया। प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपियों द्वारा अपने एक अन्य साथी गोविंद के साथ मिलकर लाखों रूपये की ठगी की उक्त घटना को कारित करना स्वीकार करने के साथ ही देश भर में बीमा पाॅलिसी कैंसल होने के नाम पर अलग – अलग लोगों को अपना शिकार बनाते हुए करोड़ो रूपए की ठगी करना बताया गया है। प्रकरण में आरोपी गोविंद फरार है जिसकी पतासाजी की जाकर गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किये जा रहे है।
आरोपी आयुष कुमार सिंह, मंटू कुमार सिंह उर्फ मनीष कुमार सिंह एवं राघवेन्द्र कुमार सिंह को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर उनके कब्जे से आधार कार्ड, पेन कार्ड, अलग – अलग बैंकों के ए.टी.एम. कार्ड, चेक बुक, बैंक पास बुक, सील मोहर एवं 02 नग मोबाईल फोन जप्त किया गया है। आरोपी आयुष कुमार सिंह एवं मंटू कुमार सिंह उर्फ मनीष कुमार सिंह को दिल्ली से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर रायपुर लाया गया