उज्जैन का गोपाल मंदिर क्यों है प्रसिद्ध ।

उज्जैन के एक महत्वपूर्ण केंद्र-स्थल पर सुप्रसिद्ध एवं अति भव्य गोपाल मंदिर स्थित है । गोपाल मंदिर की स्थापना महाराज दौलतराव सिंधिया की महारानी श्रीमती बायजाबाई सिंधिया ने की थी । मंदिर के भीतर पर्याप्त ऊँचाई पर राधा कृष्ण की मूर्ति स्थापित है, जिसके दर्शन सड़क पर चलते हुए राहगीर भी कर सकते है । मंदिर का गर्भगृह संगेमर्मर का है,जिसपर हस्तकलाओं का चित्रण किया गया है । मंदिर के चारों ओर विश्राम के लिए व्यवस्था की गई है । यह मंदिर मराठा के वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है , मराठा वास्तुकला के अनुसार आसपास परकोटा है । मंदिर के ठीक सामने एक चोक है , जहाँ एक सुरम्य वाटिका बनाई गई है । उस वाटिका में स्व. माधवराव सिंधिया की प्रेमिका खड़ी है । छत्रिचौक व्यापार,आवागमन,संवादवहन,मनोरंजन, नगर-अटन का एक केंद्र है ।

मंदिर का द्वार रजतपत्रो से सुशोभित है । बहार के केवाड चाँदी की चौखट में जुड़े हुए है । मंदिर का एक द्वार बहुमूल्य हीरो से सजा हुआ है । कहाँ जाता है कि महाराज को यह गज़नी की एक लूट से प्राप्त हुआ धन था, जिसे उन्होंने देवर्पित कर दिया ।

Author: Sudha Bag

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