भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल द्वारा कवर्धा में दंगाई नेताओं को छोड़ने के लिये दी गयी धमकी कि यदि दंगा के आरोपी नेता नहीं छूटे तो ईंट से ईंट बजा देंगे को कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने अलोकतांत्रिक और न्यायायलय की अवमानना बताया है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को कवर्धा में अशांति फैलाने और सांप्रदायिक दंगा भड़काने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है तथा उन्हें अदालत के सामने प्रस्तुत किया गया जहां अदालत ने इन भाजपा नेताओं के अपराधा की गंभीरता को देखते हुये अदालत ने उन्हें न्यायालयीन रिमांड पर भेजा है। बृजमोहन अग्रवाल 15 साल तक प्रदेश में मंत्री रहे है इतना कानूनी ज्ञान उन्हें भी है कि दंगाई भाजपा नेताओं को अदालत ही जमानत पर रिहा कर सकती है, फिर भी वे ईंट से ईंट बजाने की धमकी किसे दे रहे है? भाजपा नेता इस भाषा से अदालत को धमकाने का प्रयास कर रहे है जो सवर्धा निंदनीय है। भाजपा न संविधान पर आस्था रखती है न सामाजिक मर्यादाओं का उसे ध्यान है एक तरफ भाजपा के नेता प्रदेश की गंगा जमुनी फिजां को खराब करने सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का काम करते है। दूसरी तरफ उनके वरिष्ठ नेता धमकी चमकी जैसे अलोकतांत्रिक भाषा का प्रयोग कर रहे है। भाजपा की चूलें तो जनता ने 2018 के विधानसभा चुनाव में हिला दिया था। अब यही हाल रहा तो जनता 2023 के चुनाव में भाजपा की ईंट से ईंट बजा देगी।