पिछले चुनाव खत्म होने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से मेरी पहली मिटिंग हुई, इसमें मैंने उनको एक दो चीजें साफ कही. पहली चीज कि आज से पहले यहां बीजेपी की सरकार थी और उन्होंने जो काम किया वो अरबपतियों के लिए, बड़े ठेकेदारों के लिए किया था. उन्होंने छत्तीसगढ़ के किसानों, युवाओं और छोटे दुकानदारों से पैसा छीनकर उद्योगपतियों को दिया. तो मैनें मुख्यमंत्री से कहा कि जितना पैसा उन्होंने पिछले पांच साल में लोगों से लिया है उतना ही पैसा आपको छत्तीसगढ़ के लोगों की जेब में वापस डालने होंगे.
दूसरा मैनें कहा कि हमने छत्तीसगढ़ के लोगों से जो वादा किया था, कर्जमाफी का, जिस पर लोगों ने हम पर भरोसा किया, इसलिए हमने जो वादे किए हैं उनको आप तुरंत पूरा कीजिए. इस पर मुख्यमंत्री ने कागज पर हस्ताक्षर किया और किसानों के कर्ज का बोझ हमेशा के लिए उतार दिया. राहुल गांधी ने आगे कहा कि हमने न्याय योजना का वादा किया था, कुछ ही दिनों में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने निर्णय ले लिया है कि 23000 करोड़ रुपये हम किसानों के खाते में डाल रहे हैं. सीएम ने कहा कि हम मजदूरों के अकाउंट में भी हर साल 7000 रुपये डाल रहे हैं.
राहुल ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में इंग्लिश मीडियम स्कूल का जाल बिछाया, स्वामी आत्मानंद स्कूल हमने खोले. पिछले दिनों मैं कुछ बच्चों से मिला, मैनें उनसे पूछा कि आप क्या पढ़ रहे हो, बच्ची ने कहा कि मैं अंग्रेजी पढ़ रही हूं. राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी नेताओं के बच्चे अंग्रेजी स्कूल में पढ़ते हैं लेकिन वे अन्य बच्चों को इंग्लिश नहीं पढ़ने देना चाहते. लेकिन हम कहते हैं कि नहीं, हिंदी सीखो, अंग्रेजी सीखो, छत्तीसगढ़ी सीखो. ये सोच में फर्क है.
मुख्यमंत्री से कुछ दिन पहले मेरी बात हुई. मैनें उनसे कहा कि अब हमने किसानों की नींव मजबूत कर दी है. अब हमें अगले लेवल पर जाना है. मैनें कहा कि जैसे ही दिल्ली में हमारी सरकार आएगी तो हम छत्तीसगढ़ में 2 या 3 अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाएंगे. हमने धान का समर्थन मूल्य बढ़ाया, जो और बढ़ेगा. बिजली बिल हमने माफ किया. मुफ्त शिक्षा हम देने वाले हैं. हम सरकार अस्पताल बनाते हैं, जिसमें आपका मुफ्त इलाज हो सके. अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की मदद से यहां का किसान अपना उत्पाद विदेशों में भी बेच सकेगा. ये हमारा प्लान है.
नरेंद्र मोदी आते हैं, जहां जाते हैं मेरे बारे में गलत प्रयोग करते हैं. गाली देते हैं, लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मेरा लक्ष्य है कि जितना पैसा मोदी उद्योगपतियों को देते हैं तो मैं उतना ही पैसा गरीबों, किसानों, छोटो दुकानदारों, बेरोजगारों को दूंगा. मैं आपको दिखा दूंगा कि असली राजनीति गरीबों, मजदूरों, बेरोजगारों, छोटे दुकानदारों को मदद करने में होती है.
राहुल ने आगे कहा कि यहां ओबीसी भाई-बहन हैं. आप देश की रीड की हड्डी हो. पिछड़ों की इस देश में कम से कम 50 प्रतिशत आबादी है. हम जो वादे कर रहे हैं उसका फायदा 50 प्रतिशत को फायदा मिलेगा. बीमा योजना हजारों-करोड़ो रुपये मोदी ने 16 बड़ी कंपनियों को दिए. जहां कोई ओबीसी, दलित, आदिवासी काम नहीं करता. उसको देश के एयरपोर्ट पकड़ा दिया. यहां का सीमेंट प्लांट दे दिया. बड़े-बड़े प्लांट दे दिए. जब मैनें जातीय जनगणना करने की बात कही, उस दिन से मोदी मुझे गाली देना शुरू कर दिए. पहले कहते थे मैं ओबीसी हूं. लेकिन अब कहते हैं कि हिंदुस्तान में कोई जात नहीं है, सिर्फ गरीब हैं. फिर आप ओबीसी कैसे बन गए. आप कौन हो फिर ?
आपने कभी पीएम मोदी को दो दिन एक ही कपड़ा पहने देखा है ? हर रोज नया कपड़ा. लेकिन जब ओबीसी को मदद करने की बारी आई तो देश में कोई जाति ही नहीं है. 90 लोग इस देश को चलाते हैं. जो आईएएस अफसर हैं. पूरा बजट ये लोग तय करते हैं. मैनें संसद में सवाल पूछ लिया कि आबादी 50 परसेंट लेकिन 90 में से ओबीसी कितने ? लेकिन पीएम ने जवाब नहीं दिया. वो चुप हो गए. मैं आपको बता दूं कि 90 में केवल तीन अफसर ओबीसी हैं. उनको काम नहीं दिया जाता, कोने में बैठे रहते हैं. बमुश्किल 100 में से 5 रुपये का निर्णय लेते हैं. मोदी की गारंटी उद्योपतियों की गारंटी है. जो वो करते हैं उद्योगपतियों के लिए करते हैं.
हमने कह दिया है कि छत्तीसगढ़ में सरकार आते ही जातीय जनगणना कराएंगे. साथ ही दिल्ली में भी सरकार बनते ही यही काम करेंगे. देश का चेहरा बदल जाएगा. जिस दिन ओबीसी को अपनी शक्ति पता चल गई, इस दिन इस देश में सच्चा विकास शुरु हो जाएगा. कांग्रेस को जीताइए, उद्योपतियों की सरकार मत बनाइए, बीजेपी की सरकार मत बनाइए.