आज मौका था राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्थापना दिवस एवं राज्य स्तरीय सम्मान समारोह का। जहाँ छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके मुख्य अतिथि के रूप में विज्ञान महाविद्यालय स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित मंच पर उपस्थित थीं। जहाँ क्षेत्रिय विधायक व संसदीय सचिव विकास उपाध्याय के साथ-साथ पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. वर्मा, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव भुवनेश यादव एवं आयुक्त शारदा वर्मा सहित एनएसएस से जुड़े डॉ. समरेन्द्र सिंह एवं दर्शक दिर्घा पर सैंकड़ों की संख्या में उच्च शिक्षा से जुड़े प्रबुद्धजन और विद्यार्थी मौजुद थे। इस कार्यक्रम में खास बात जो थी वह विकास उपाध्याय के कार्यप्रणाली पर किए जा रहे प्रशंसा का था जो सभी का ध्यान खींच रहा था।
छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक तौर पर यह बात देखी जाती रही है कि छत्तीसगढ़ के राज्यपाल अनुसुईया उइके की कार्यप्रणाली व लोगों के प्रति उनका व्यवहार अभी तक हुए सभी राज्यपालों से हटकर रही है। वे हर किसी से मिलने व सामाजिक रूप से राज्यपाल होते हुए भी कार्य करने में अपनी सहभागिता प्रतिपादित करने संकल्पित रहती हैं। राजभवन से लेकर सार्वजनिक स्थलों में जब कोई कार्यक्रम में राज्यपाल महोदया सम्मिलित होती हैं तो इस तरह का संदेश लोगों के बीच जाता है कि वे एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही लोगों के बीच प्रस्तुत होती हैं। आज जब इसी तरह के गरिमामयी कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना के 24 सितम्बर को स्थापना दिवस के दिन राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में उपस्थित हुईं तो उनके उद्बोधन ने सभी बुद्धिजीवियों का मन मोह लिया। दीनदयाल ऑडिटोरियम में राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय सेवा योजना को लेकर अपने विद्यार्थी जीवन से लेकर राजनीतिक जीवन तक का ऐसा उल्लेख किया जैसे सामान्य बोलचाल भाषा में एक तरह का लोगों को परिचय दिया जाता है और यही उनकी खासियत व अपनापन है कि अन्य राज्यपालों से हटकर छत्तीसगढ़ में उनकी छवि गढ़ रही है।
इस कार्यक्रम में मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों ने बारी-बारी से राष्ट्रीय सेवा योजना के महत्ता को लेकर विस्तार पूर्वक दर्शक दिर्घा में उपस्थित बुद्धिजीवियों को बताया। विधायक एवं संसदीय सचिव विकास उपाध्याय को जब माईक में बोलने बुलाया गया, उसके पहले मंच संचालन कर रहे प्रोफेसर अग्रवाल ने विधायक के कार्यप्रणाली व उनके स्वभाव को लेकर शेरो शायरी के साथ कहा, विकास उपाध्याय ऐसे लोकप्रिय जनप्रतिनिधि हैं जिनके निवास पर 200 लोग अन्दर से जब बाहर निकलते रहते हैं तो 300 लोग निवास के बाहर अन्दर जाने इंतजार करते रहते हैं। विकास उपाध्याय ने जब मंच पर माईक संभाला तो वे उसी अंदाज में ही एनएसएस के स्थापना वर्ष से लेकर इससे जुड़े विद्यार्थियों के योगदान को लेकर कोरोना काल में किए कार्य एवं पर्यावरण सफाई व जनसेवा से NSS का किस तरह से जुड़ाव है को विस्तार से बताया। विकास उपाध्याय के उद्बोधन के दौरान हर एक मिनट पर तालियों की गड़गड़ाहट यह साबित कर रही थी कि जिस कार्यक्रम में वे मौजुद हैं उसी के अनुरूप उनका खुद का भी नेचर है।
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने जब अंत में मंच को संबोधित किया तो वे यह नहीं भूली कि विधायक विकास उपाध्याय की सक्रियता समाज के अंदर किस कदर छायी हुई है। उन्होंने मंच पर सार्वजनिक रूप से विकास उपाध्याय के तरफ मुखातिफ होते हुए कहा, विकास उपाध्याय जैसे जनप्रतिनिधि समाज में और यदि उत्पन्न हो जायें तो छत्तीसगढ़ प्रदेश एवं देश आगे बढ़ने से कभी पीछे नहीं रहेगा। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि विकास उपाध्याय सामाजिक गतिविधियों व लोगों के लिए समर्पित भाव से किस कदर सक्रिय रहते हैं, जिसकी जानकारी उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से लगातार मिलते रहती है। इस बीच जब वे विकास उपाध्याय की तारीफ कर रही थी तो पूरा ऑडिटोरियम तालियों के गड़गड़ाहट से गूंजते रहा। अंत में एनएसएस को लेकर जिन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं और जिनका चयन इस सम्मान समारोह के लिए हुआ था उनका एक-एक कर सम्मान किया गया।