कर्मचारियों से रिश्वत खाकर संलग्नीकरण कर रहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग का दिशा निर्देश है कि किसी भी कर्मचारी को किसी भी तरीके से संलग्नीकरण नहीं किया जाना है। सी.एम.एच.ओ. पद का दुरुपयोग करते हुए कार्य करने के नाम पर लोगों को संलग्नीकरण का इन महाशय द्वारा गोरख धंधा चला रहे हैं।
सी.एम.एच.ओ. पद में रहकर प्राइवेट प्रैक्टिस के जरिए कर रहे हैं गोरखधंधा। बता दे की प्राप्त जानकारी के अनुसार यदि कोई डॉक्टर शासकीय कार्यालय के उच्च अधिकारी के पद पर कार्य कर रहे हैं तो वे प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं, परंतु डॉ० राजन द्वारा नियमों को ताक में रखते हुए अपने घर पर धड़ल्ले से प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। जो कि क्लीनिक एक्ट के अंतर्गत भी अवैधानिक है।
तोकापाल बी.एम.ओ. रहने के दौरान भी इन के काले कारनामे। सन 2015-16 तोकापाल बीएमओ रहते हुए 15 दिन से अधिक का अर्जित अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार बीएमओ के पास नहीं रहता है, परंतु अपने अधिकार क्षेत्र का दुरुपयोग कर अवकाश स्वीकृत किया गया है. जो कि इनके द्वारा शासन की दिशा निर्देश के विपरीत जाकर कार्य करना अपराध की श्रेणी में आता है, जिसका प्रमाण हमारे पाठकों के समक्ष प्रस्तुत है।
बस्तर सी.एम.एच.ओ. डॉ० राजन के काले कारनामे पर पर्दा कौन डाल रहा है। डॉ० राजन द्वारा किए गए भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं के बावजूद भी उन्हें सी.एम.एच.ओ. पद से नवाजा गया है, और इन के विरुद्ध चल रहे समस्त भ्रष्टाचार से संबंधित सारे जांच को ठंडे बस्ते में डालकर पर्दा कौन डाल दिया गया है। और इनके आका के संरक्षण में भ्रष्टाचार का यह खेल खुलेआम चल रहा है।