रायपुर। डीजल के दामों में हो रही बेतहाश वृद्धि के कारण यात्री किराए जाने की मांग को लेकर बुढ़ातालाब धरना स्थल के पास सोमवार को बस मालिकों ने एक दिवसीय धरना दिया और अपनी मांग की ओर राज्य सकार का ध्यान आकृष्ट कराया कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती हैं तो कल सुबह से राज्य में बसों के पहिए पूरी तरह से थम जाएंगे और अगले दिन यानी 14 जुलाई को सभी बस मालिक परिवार सहित खारुन नदी के सामने जल समाधि ले लेंगे।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनवर अली बताया कि राज्य में 12 हजार बसें संचालित होती है और इसके 9 हजार संचालक हैं जिनमें 2500 बसें लोन की किश्त जमा न हो पाने की वजह से जब्त है और कोरोना काल में आर्थिक तंगी के कारण 300 बस संचालक अपनी बसों खड़ी कर काम बंद कर चुके हैं। लगभग 1 लाख 8 हजार कर्मचारी बस संचालकों के साथ जुड़े हुए है इसी से उनका रोजगार चलता हैं, लेकिन कोरोना महामारी के बाद से बसों के पहिए थम जाने के कारण उनके ऊपर घर चालना मुश्किल हो गया है साथ ही बस मालिकों का भी। वैसे राजधानी रायपुर से रोजाना लगभग 5 हजार से अधिक लोग सफल करते हैं, लेकिन इतनी भी सवारी मिलना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने बताया कि 2018 में 60 रुपए प्रति लीटर में बिकने वाला डीजल अब 2021 में लगभग 97 रुपए प्रति लीटर की दर पर बिक रहा है और राज्य सरकार चाहती है कि बस मालिक यात्री किराया न बढ़ाए। बीते दो सालों में लॉकडाउन और कोरोना के असर की वजह से बस मालिकों के साथ-साथ इससे जुटे लोग आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे है। वहीं पड़ोसी राज्य जैसे मध्यप्रदेश ने यात्री किराया बढ़ाए जाने को मंजूरी दे दी है लेकिन छत्तीसगढ़ की सरकार यात्री किराया नहीं बढ़ा चाह रही है।
यात्री किराया बढ़ाए जाने की मांग को लेकर सोमवार को बुढ़ातालाब धरना स्थल में सभी बस मालिक एकत्रित हुए और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग आज रात तक पूरी नहीं होती है तो कल से प्रदेश में बसों के पहिए थम जाएंगे और 14 जुलाई की दोपहर को 3 बजे सभी बस मालिक परिवार सहित खान नदी में समाधि ले लेंगे, इस दौरान किसी भी प्रकार की अनहोनी होती है इसकी जवाबदारी राज्य सरकार की होगी।