ओडिशा की तरह छत्तीसगढ़ में भी भगवान जगन्नाथ के प्रसाद के रूप में चना और मूंग का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस प्रसाद से निरोगी जीवन प्राप्त होता है। जिस तरह छत्तीसगढ़ से निकलने वाली महानदी ओडिशा और छत्तीसगढ़ दोनों को समान रूप से जीवन देती है, उसी तरह भगवान जगन्नाथ की कृपा दोनों प्रदेशों को समान रूप से मिलती रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि यह समय, पूरे विश्व के लिए कठिन समय है। कोरोना महामारी ने हम सभी को बहुत पीड़ा दी है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के समय हमने बहुत कुछ खोया है। अब भी संकट टला नहीं है।
विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि तीसरी लहर भी आ सकती है। भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना है कि वे हमें इस संकट से उबारें। वे इस महामारी से हम सबकी रक्षा करें। उन्होंने लोगों से अपील की कि रथ-यात्रा पर्व का आनंद लेते हुए भी सभी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजेशन के नियमों का पालन करें। नियमों का पालन करके ही आप स्वयं को, तथा अपने परिवार को सुरक्षित रख पाएंगे। जिन लोगों ने अब तक कोरोना का टीका नहीं लगवाया है उन्हें जल्दी से जल्दी टीका लगवा लेना चाहिए। इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिय़ा, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे।
इसके साथ ही कार्यक्रम में रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, गायत्री मंदिर के संचालक पुरन्दर मिश्रा एवं जनप्रतिनिधिगण जगन्नाथ मंदिर गायत्री नगर रायपुर से वर्चुअल माध्यम से जुड़े हुए थे।