किसान विरोधी कृषि कानून व मजदूर विरोधी श्रम संहिता में वापस लेने की मांग

प्रदेश भर में काले झंडे के साथ मजदूर, किसानों ने घरों , बस्तियों में किया प्रदर्शन।

किसान विरोधी 3 काले कृषि किसान कानून वापस लेने और फसल खरीद के एमएसपी की कानूनी गारंटी, मजदूर विरोधी 4 श्रम संहिता वापस लेने ,निजीकरण बंद करने, सभी के वेतन, रोजगार , आश्रय की सुरक्षा देने, प्रत्येक नागरिक को मुफ्त वेक्सीन देने, गैर आयकर दाता परिवार को 7500/ दिए जाने, कारपोरेट पक्षधर नीति बदलने, डीजल, पेट्रोल व खाद के दाम आधे करने,
मनरेगा में सबको काम देने व सबको राशन देने , जमीन, जीविका व भोजन की सुरक्षा की मांग को लेकर किसान संगठनों व ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के आव्हान पर 26 मई को देश भर में मजदूर किसान काला दिवस मनाए और लॉकडाउन के चलते छत्तीसगढ़ के सैकड़ों स्थानों में सभी साथी अपने घर या कार्यस्थल, बस्तियों पर काले झंडे , बिल्ला , काला फीता धारण कर लगाकर मोदी सरकार की नीतियां का जबरदस्त विरोध किए ।
सीटू के राज्य सचिव धर्मराज महापात्र ने बताया कि बिना उचित प्रक्रिया के संसद में तीन काले किसान कानून पारित कर दिये गए थे उसके खिलाफ किसान छह माह से आंदोलन पर है लेकिन अहंकारी सरकार उनसे बात करने को तैयार नहीं , मजदूर संगठनों के भारी विरोध के बावजूद संसद में अपने बहुमत का दुरुपयोग कर श्रम कानून को चार संहिता में बदल दिया गया जिसका एकमात्र मकसद मजदूरों को मालिकों का गुलाम बना देना है । ये बड़े यह सरकार कारपोरेट पूंजी और अनाज व्यापार की विशाल विदेशी कम्पनियों द्वारा खेती में लागत के बाजार, फसलों का प्रारूप, फसलों की बिक्री, अनाज के भंडारण, फसलों का प्रसंस्करण और अनाज के बाजार पर पूरा नियंत्रण व अधिकार देकर सरकारी खरीद तथा राशन की सुरक्षा समाप्त करन चाहती है ।
देश में जब चहुओर लोग आक्सीजन की कमी, चिकित्सा के अभाव में दम तोड रहे है तब प्रधानमन्त्री आम जनता को मदद ले बजाय एक तरफ घड़ियाली आंसू बहा रहे है और दूसरी ओर आपदा को अवसर में बदलने के नाम पर सब कुछ अपने पूंजीपति मित्रों के हाथो नीलाम कर रहे है । लोगों को मदद की बजाय मोदी सरकार 20 हजार करोड़ के नए संसद भवन पर जनता के पैसे लूटा रही है ।
वे सार्वजनिक कम्पनियों को बेच रहे है, पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ाकर जनता को लूटने में लगे है , खाद के दाम बढ़ाने की छूट दी हुई है, जबकि बेरोजगारी बढ़ रही है और जनता की बदहााली बढ़ रही है।
राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में इन प्रदर्शनों के जरिए लोगों ने मोदी सरकार से अपनी नीतियों में बदलाव की मांग की । रायपुर में इन प्रदर्शनों में प्रदीप गभने, शीतल पटेल, मनोज देवांगन, रिमेश, बी के ठाकुर, प्रदीप मिश्रा, नवीन गुप्ता, मौली सान्याल, स्निग्धा महापात्र, अभिजीत चक्रवर्ती सहित सकड़ों साथी शामिल हुए ।

देश के समस्त मजदूर व किसान संगठन इसके खिलाफ 26 मई को काला दिवस मनाएंगे। सीटू के राज्य सचिव धर्मराज महापात्र ने बताया कि प्रदेश में भी कल घरों में काले झंडे फहराकर प्रदर्शन किया जाएगा ।

Author: Sudha Bag

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