लट्ठमार होली का संबंध भी राधा-कृष्ण के प्रेम से ही है। पौराणिक कथाओं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बरसाना में राधा रानी का जन्म हुआ था. ऐसी मान्यता है कि जब राधा और कृष्ण की दोस्ती हो गई तो श्रीकृष्ण, राधा से मिलने अपने दोस्तों संग नंदगांव से बरसाना आते थे। इस दौरान भगवान कृष्ण, गोपियों संग खूब होली खेलते थे और उन्हें परेशान करते थे, जिसके बाद राधा और उनकी सहेलियां उन्हें लाठियों से मारती थीं। तभी से लट्ठमार होली खेलने की परंपरा चली आ रही है।
होली के मौके पर हर साल बरसाना में लट्ठमार होली खेलने की परंपरा को निभाया जाता है। लाठी और डंडे की मार से बचने के लिए नंदगांव के हुरियारे अपने साथ ढाल लेकर आते हैं और बरसाने की हुरियारनों की लाठी से बचते नजर आते हैं. इस दौरान चारों तरफ लाठियों के साथ ही रंग गुलाल भी जमकर उड़ता है और त्योहार का मजा दोगुना हो जाता है।