कैट ने पीयूष गोयल से ऐमजॉन को बैन करने की मांग की कहा अमेजना वैश्च्कि अपराधी है

कैट ने पीयूष गोयल से ऐमजॉन को बैन करने की मांग की कहा अमेजन वैश्विक अपराधी है
’ कैट के इस मुद्दे पर अदालत जाने की सम्भावनाएँ ’

रायपुर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी संजय चैबे ने बताया कि विदेशी वित्त पोषित ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ पिछले चार साल से एक देशव्यापी आंदोलन की अगुवाई कर रहे कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज सरकार से मांग की है कि कल एक न्यूज एजेन्सी में बड़े पैमाने पर किए गए खुलासे के मद्देनजर अमेजन ने भारत के ई कॉमर्स व्यापार को नियंत्रित करने के लिए एक सोची समझी रणनीति बनाई ये अब साफ हो चुका है कि अमेजन भारत सरकार के नियमों, कानूनों और नीतियों की धज्जियां उड़ाते हुए भारत के ई-कॉमर्स व्यवसाय को नियंत्रित करने की कोशिश में है, सरकार को तुरंत अमेजन के भारत में परिचालन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और उसकी कुप्रथाओं पर समयबद्ध जांच के आदेश देने चाहिए। कैट ने यह भी कहा है कि फ्लिपकार्ट भी इसी तरह की प्रथाओं में शामिल है और इसलिए फ्लिपकार्ट की व्यावसायिक प्रथाओं पर भी अंकुश लगना चाहिए और उस पर भी जांच की आवश्यकता है।
कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा घोषित एफडीआई नीति की प्रेस नोट संख्या 2 के स्थान पर एक नया प्रेस नोट जारी करने की मांग की है। सरकार को अपनी बहुप्रतीक्षित ई कॉमर्स नीति को भी अंतिम रूप देना चाहिए।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने बताया कि कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी. सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि नए खुलासे को ध्यान में रखते हुए, कैट केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल से संपर्क करेगा और अमेजॅन पर तत्काल कार्रवाई की मांग करेगा। कैट द्वारा सरकार को पहले ही सौंपे गए कई साक्ष्य तथा अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी द्वारा सच्चाइयों के खुलासे के बाद अमेजन के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। और क्या अधिक सबूत की आवश्यकता है? एक कंपनी जो कानून और नीतियों के उल्लंघन में गहराई से शामिल है और भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय को नियंत्रित करने के लिए अपनी सुनियोजित कुनीतियों को जारी रखे है उसके लिए उनको एक सबक सिखाया जाना चाहिए कि भारतीय कानून इतने कमजोर नहीं हैं और कानून की संप्रभुता और पवित्रता को बनाए रखना होगा। यह संदेश भी मजबूती से दिया जाना चाहिए .

श्री पारवानी ने कहा कि कैट इस बारे में कानूनी कारवाई करने की सम्भावनाओं को तलाश रहा है। कैट के वकीलों की टीम सभी कानूनी संभावनाओं की जांच कर रही है और बहुत जल्द वकीलों की सलाह के अनुसार, कैट कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह देश के कानूनों और नीतियों के सामूहिक बलात्कार से कम नहीं है और वह भी तब जब भारतीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स कंपनियों को स्पष्ट शब्दों में नियमों और नीतियों का अधिक पालन करने की चेतावनी दी है। अमेजॅन को शर्म आनी चाहिए क्योंकि उन्हें भारत मे कम से कम परेशान किया गया था पर इसने न केवल ई-कॉमर्स बल्कि खुदरा व्यापार को भी हेरफेर करके नियंत्रित करने का प्रयास किया।
श्री पारवानी ने कहा कि अमेजॅन दुनिया भर में कानूनों को चकमा देने और विभिन्न देशों में दंड और जांच को भ्रमित करने के लिए विख्यात है। एक मामूली त्रुटि के लिए सिस्टम व्यापारियों को दंडित करता है लेकिन इतने बड़े डिफॉल्ट के लिए तत्काल कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है। रेउटर की खबर में अमेजॅन के विभिन्न विश्वसनीय और आंतरिक दस्तावेजों का उल्लेख किया गया है और इससे अधिक प्रमाण की आवश्यकता क्या है। हमारी जांच एजेंसियां अमेजन और फ्लिपकार्ट को समय का लाभ क्यों दे रही हैं। कैट इस मुद्दे को बड़े पैमाने पर उठाएगी और जब तक अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है, तब तक आंदोलन देश भर में जारी रहेगा।

Author: Sudha Bag

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